पढ़ाई को बनाया रोचक: 63 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल द्वारा “परिक्षा पे चर्चा”

परिक्षा पे चर्चा
परिक्षा पे चर्चा

बारासात, 11 जनवरी 2024:
63 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल ने भगबती स्मृति विद्यामंदिर (उ.मा.) में आयोजित बहुविकल्पीय प्रश्न (एम.सी.क्यू) प्रतियोगिता में विद्यार्थियों और शिक्षक/शिक्षिकाओं को परिक्षा पे चर्चा के अंतर्गत भाग लेने के लिए प्रेरित किया। इस अद्वितीय पहल में, प्रोजेक्टर के माध्यम से नवजवानों को प्रश्न पत्र की जानकारी विस्तारपूर्वक दी गई, जिससे वे अच्छी तरह से तैयारी कर सकें। इसके साथ ही, साईबार सुरक्षा से संबंधित विडियो के माध्यम से साईबार अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाई गई।

परिक्षा पे चर्चा
परिक्षा पे चर्चा

परिक्षा पे चर्चा के दौरान, 63 वीं वाहिनी ने अपने बलकर्मियों को विद्यार्थियों और शिक्षक/शिक्षिकाओं को प्रेरित करने का एक अद्वितीय तरीका अपनाया। प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रश्न पत्र की जानकारी को देखकर विद्यार्थियों ने प्रश्नों को समझने में और उन्हें सही दिशा में तैयारी करने में सहायता प्राप्त की। यह एक नई पहल है जो विद्यार्थियों को परीक्षा के माहौल में अधिक स्वतंत्रता और सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास है।

साईबार सुरक्षा से संबंधित विडियो आवेगपूर्ण थे और इससे विद्यार्थियों को आत्म-सुरक्षा के महत्वपूर्ण तथ्यों का पता चला। इस साईबार जगत के संग्रहण के साथ-साथ, साईबर अपराधों के खिलाफ अभियान को बढ़ावा देने का एक और कदम उठाया गया है।

परिक्षा पे चर्चा
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इस अद्वितीय पहल में 63 वीं वाहिनी के बलकर्मी, तथा भगबती स्मृति विद्यामंदिर (उ.मा.) के शिक्षक/शिक्षिकाएं और विद्यार्थी एक साथ उपस्थित रहे हैं। यह एक ऐसा मौका था जब शिक्षक और छात्र साथ मिलकर शिक्षा के क्षेत्र में नए और रोचक दृष्टिकोण देख सकते हैं।

**63 वीं वाहिनी के प्रमुख ने इस मौके पर बोलते हुए कहा, “यह पहल एक नया पहल है जिससे हम विद्यार्थियों को और शिक्षकों को परीक्षा की तैयारी में सहायता प्रदान कर सकते हैं। हमारा उद्देश्य है कि इससे विद्यार्थियों को ज्ञान में वृद्धि हो, और वे सुरक्षित एवं सकारात्मक माहौल में परीक्षा दे सकें।”**

परिक्षा पे चर्चा
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इस आयोजन के बाद, विद्यार्थियों ने साईबार सुरक्षा के महत्वपूर्ण तथ्यों को सुना और इस पहल की सफलता के लिए बलिदान की गई। यह एक सशक्त और सुरक्षित शिक्षा के प्रति 63 वीं वाहिनी के संबंध में एक नई कड़ी है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को एक और सकारात्मक शिक्षा अनुभव करने का अवसर मिलेगा।

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