SSB ने पाया आग पर क़ाबू

एसएसबी ने पाया आग पर क़ाबू

दिनांक 12/01/2024 को समय लगभग 1130 बजे, श्री तेनजिंन भूटिया (रेंज अधिकारी KNP) वन विभाग, ब्लाक युक्सुम ने 72वीं वाहिनी के नियंत्रण कक्ष को सिलसिले के नजदीक के जंगल में सूखी घास से आग लगने की सूचना दी। इस हादसे के परिणामस्वरूप, श्री मुन्ना सिंह, कमांडेंट 72वीं वाहिनी, स. सी. बल, युक्सुम, ने मार्गदर्शन में समवाय मुख्यालय सिलसिले के निरीक्षक (सा.) प्रदीप कुमार सिंह के साथ मिलकर तीन टीमों को आग पर काबू पाने के लिए घटनास्थल की ओर तुरंत रवाना किया।

SSB ने पाया आग पर क़ाबू​
SSB ने पाया आग पर क़ाबू

समवाय सिलसिले से दो और बाह्य सीमा चौकी चतुरबाड़ी से एक टीम अग्निशामक उपकरणों के साथ घटनास्थल की ओर बढ़ी। टीमों ने बहादुरी और शीघ्रता से काम करते हुए समय 1425 बजे तक आग पर काबू पा लिया। इस सफल ऑपरेशन से जंगल में बढ़ी आग को नियंत्रित करने में सफलता मिली, जिससे वायुमंडलीय प्रदूषण की समस्या से बचाव करने में सहायक होगा।

इस घटना के पीछे छुपे कारणों को समझना महत्वपूर्ण है। जंगलों की आग से जुड़े संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए, वन विभाग ने तुरंत कदम उठाया और प्रबंधन में सहायता के लिए सुरक्षा बलों को तत्पर किया।

SSB ने पाया आग पर क़ाबू​
SSB ने पाया आग पर क़ाबू

इस ऑपरेशन के दौरान, टीमों ने सही समय पर सही स्थान पहुंचकर आग को नियंत्रित करने में अद्वितीय कुशलता दिखाई। उन्होंने तीव्रता से कार्रवाई की और आग को बढ़ने से रोका, जिससे जंगली क्षेत्र की सुरक्षा हुई।

इस घटना के चरणों को समझते हुए, सामाजिक सचेतना बढ़ाने के लिए स्थानीय प्रशासन ने जनता को सावधान करने के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया है। लोगों से अपील की गई है कि वे जंगली क्षेत्रों में सतर्क रहें और अगर उन्हें ऐसी कोई सूचना मिलती है तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें।

SSB ने पाया आग पर क़ाबू​
SSB ने पाया आग पर क़ाबू

इस घटना के बाद, वन विभाग ने जंगली क्षेत्रों में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नए योजनाओं की घोषणा की है। इसके तहत, जंगलों में आग और अन्य संकटों का समर्थन करने के लिए नवीनतम तकनीकी उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।

इस घटना ने बताया कि जंगलों की सुरक्षा में और भी सुधार करने की जरूरत है और स्थानीय समुदाय को भी इसमें शामिल करना महत्वपूर्ण है। जंगलों के सुरक्षित रखने के लिए सहयोग करने वाले सभी स्तरों के लोगों का समर्थन जरूरी है ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण मिले।

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