नकली भारतीय और नेपाली नोट की पहचान के लिए कार्यशाला आयोजित।

Fake currency notes

Fake currency notes नकली भारतीय और नेपाली नोट की पहचान के लिए कार्यशाला आयोजित।
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डिघलबैंक के जी कॉय हेडक्वार्टर, 12वीं बैटैलियन जनपद किशनगंज (बिहार) में 04.01.2024 को भारतीय और नेपाली नकली नोटों की पहचान पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन एस.एस.बी, फ्रंटियर सिलीगुड़ी के इंस्पेक्टर जनरल, श्री सुधीर कुमार के निर्देशन में किया गया था, और इसे श्री डी.बी. सोनार, DIG, एस.एस.बी सिलीगुड़ी की निगरानी में किया गया था।

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यह कार्यशाला नकली नोटों के सावधानीपूर्वक पहचान और उनसे बचाव के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती है। इसके अंतर्गत बैंक प्रबंधकों और प्रतिष्ठानपतियों ने भारतीय और नेपाली मुद्रा में नकली नोटों की पहचान के लिए उपयोगी जानकारी साझा की।

पहले विषय के रूप में, बैंक प्रतिष्ठानपतियों ने बताया कि कैसे भारत और नेपाल की नकली नोटों को पहचाना जा सकता है। उन्होंने विभिन्न सुरक्षा उपायों और नकली नोटों की विशेषताओं पर चर्चा की, ताकि लोग असली और नकली नोटों के बीच की अंतर सीख सकें।

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दूसरे विषय में, सुरक्षा उपायों की चर्चा की गई, जिसमें भारतीय और नेपाली मुद्रा के सुरक्षा तंत्रों पर बातचीत हुई। इससे लोगों को यह समझने में मदद मिलेगी कि कैसे असली नोटों को पहचाना जा सकता है और उन्हें कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है।

तीसरे विषय के तौर पर, नकली नोटों की पहचान के लिए मशीनों का उपयोग करने के बारे में बताया गया। इसमें विभिन्न तकनीकी उपायों पर चर्चा की गई, जिससे बैंक और विभिन्न संगठन सुरक्षित तरीके से नकली नोटों को पहचान सकें।

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कार्यशाला में शिक्षा देने के लिए नेपाली पक्ष से बिशाल भट्टराई और शिवम कुर्मी शामिल थे, जो नेपाली बैंक के प्रतिष्ठानपतियों के रूप में यहां पहुंचे थे। इसके अलावा, भारतीय पक्ष से एसबीआई किशनगंज के कर्मियों ने भी अपना योगदान दिया, जिनमें प्रभात कुमार और बिपुल कुमार शामिल थे।

कार्यशाला में भाग लेने वालों की जानकारी के अनुसार, APF, नेपाल से दो अधिकारी और चार कर्मचारी, नेपाल पुलिस से दो इंस्पेक्टर और एक हेड कॉन्स्टेबल, और एसएसबी के पक्ष से छह अधिकारी, परिचारक और अन्य कर्मचारी शामिल थे। इससे सामूहिक पहचान और सुरक्षा उपायों की विस्तृत जानकारी मिली, जिससे उन्हें नकली नोटों को पहचानने की क्षमता में सुधार हुआ।

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कार्यशाला की छवियों का एक संग्रह भी किया गया, जिसमें लोगों को यहां हुए गतिविधियों का अवलोकन हो सकेगा। इसके माध्यम से, लोग इस महत्वपूर्ण कार्यशाला से होने वाले लाभों को समझ सकेंगे और नकली नोटों की पहचान में सक्षम हो सकेंगे।

समर्पितता और सहयोग के साथ आयोजित की गई इस कार्यशाला ने नकली नोटों के खिलाफ एक सामूहिक संवाद का माहौल बनाया और सामूहिक सुरक्षा में वृद्धि करने का माध्यम प्रदान किया। इससे सामाजिक जागरूकता बढ़ी और लोगों को नकली नोटों से बचाव के लिए एकजुट होने का संदेश दिया गया।

समाप्त होते हुए, इस कार्यशाला ने नकली नोटों के खिलाफ लड़ाई में सहायक होने वाले लोगों की पहचान और उनके साथीपन की भावना को मजबूत किया। इससे नकली नोटों के खिलाफ एक समर्पित समुदाय की ऊर्जा उत्पन्न हुई, जो सुरक्षा के क्षेत्र में नए कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगा।

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