
नौतनवां, महराजगंज (23 जून 2025): भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में मानव तस्करी की रोकथाम को लेकर पूर्वांचल ग्रामीण सेवा समिति, गोरखपुर द्वारा संचालित सुरक्षित शैशव कार्यक्रम के अंतर्गत आज एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह आयोजन सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 66वीं बटालियन के कमांडेंट श्री जगदीश प्रसाद धाबाई की अध्यक्षता में आशीर्वाद मैरिज द इवेंट पैलेस, सोनौली में सम्पन्न हुआ।
यूनिसेफ के मंडलीय बाल संरक्षण सलाहकार श्री शैलेश प्रताप सिंह ने पीपीटी के माध्यम से मानव तस्करी रोकने संबंधी कानूनी पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी। पूर्वांचल ग्रामीण सेवा समिति के निदेशक फादर शाजी जोसेफ ने सभी सुरक्षा एजेंसियों और हितधारकों के सहयोग की सराहना करते हुए गांव स्तर पर जागरूकता और बच्चों के प्रति मित्रवत व्यवहार की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यशाला में मौजूद प्रशासनिक, सुरक्षा और बाल कल्याण संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने मानव तस्करी के केसों से जुड़े अनुभव, चुनौतियां और सुझाव साझा किए।
प्रमुख वक्तव्यों में:
कमांडेंट श्री जगदीश प्रसाद धाबाई (SSB 66वीं बटालियन): “मानव तस्करी जैसी संगठित आपराधिक गतिविधियों को जड़ से समाप्त करने के लिए सभी हितधारकों के समन्वित प्रयास जरूरी हैं।” पुलिस क्षेत्राधिकारी श्री जयप्रकाश त्रिपाठी: “मानव तस्करी को रोकने के लिए कानूनी कार्रवाई तेज की जा रही है और जन-जागरूकता की दिशा में भी विशेष प्रयास जरूरी हैं।”

SSB 66वीं बटालियन से: कमांडेंट श्री जगदीश प्रसाद धाबाई उप कमांडेंट श्री अमित शर्मा सहायक कमांडेंट श्री हरिमोहन मीणा, श्री गुलाब यादव SSB 22वीं बटालियन से: सहायक कमांडेंट श्री सी. विवेक मानव तस्करी रोधी इकाई (AHTU) के प्रभारी उप निरीक्षक अजीत तालुकदार और उनकी टीम स्थानीय पुलिस अधिकारी — सुनौली चौकी प्रभारी श्री बृजभान यादव, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी किशोर न्याय बोर्ड सदस्य श्री राजेश वर्मा बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्रीमती सत्यभामा, सदस्य श्री मनीष कुमार मानव तस्करी रोधी थाना महराजगंज प्रभारी श्री जे पी यादव चाइल्ड हेल्पलाइन से श्री श्याम सिंह सामाजिक संगठनों से — माईती नेपाल की माया क्षेत्रीय, शुभ अवसर ग्राम नेपाल के निज़ामुद्दीन पठान, सिस्टर जगरानी, अलविना, फादर लीजो, श्रवण कुमार, सुनील कुमार, पुष्पा देवी, अंशु देवी, आनंद कुमार, कृष्ण मोहन, साधना, मेनका आदि।
कार्यशाला के अंत में सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि मानव तस्करी की रोकथाम के लिए निरंतर संवाद, आपसी सहयोग और स्थानीय जागरूकता अभियानों की आवश्यकता है।
🔹 रिपोर्ट: जवान टाइम्स
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