India’s New Cyber Commandos: The Nation’s Digital Defenders
भारत साइबर अपराध से लड़ने के लिए नई साइबर कमांडो यूनिट तैयार कर रहा है, पूरी जानकारी यहां
नई दिल्ली: बढ़ते साइबर खतरों के बीच भारत अपनी डिजिटल सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठा रहा है। केंद्र सरकार ने साइबर कमांडो की एक समर्पित यूनिट बनाने का फैसला किया है, जिसमें राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय पुलिस संगठनों से चुने गए पुलिस बलों के विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह निर्णय तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने और देश के महत्वपूर्ण डिजिटल बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के उद्देश्य से लिया गया है।
यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस वर्ष की शुरुआत में डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन में दी गई सिफारिशों के आधार पर उठाया गया है, जहां उन्होंने साइबर सुरक्षा को मजबूत करने और आईटी नेटवर्क की सुरक्षा के लिए एक प्रशिक्षित टीम की आवश्यकता पर बल दिया था।
साइबर कमांडो: देश के नए डिजिटल योद्धा
गृह मंत्रालय (MHA) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 10 उपयुक्त उम्मीदवारों की पहचान करने के लिए कहा है, जो नई साइबर कमांडो यूनिट की रीढ़ बनेंगे। इन कमांडो का चयन उनकी सूचना प्रौद्योगिकी, डिजिटल फॉरेंसिक और साइबर सुरक्षा के ज्ञान के आधार पर किया जाएगा।
MHA के पत्र में बताया गया है कि “यह विशेष विंग आईटी नेटवर्क की सुरक्षा, साइबर स्पेस में जांच और पुलिस एवं सरकारी संगठनों की साइबर सुरक्षा आवश्यकताओं का ध्यान रखेगा।” इन कमांडो का काम सिर्फ हमलों को रोकने तक सीमित नहीं होगा, बल्कि वे संभावित खतरों की पहचान कर उन्हें रोकने, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और राज्य एवं केंद्रीय संगठनों के बीच समन्वय स्थापित करने का काम भी करेंगे।
राष्ट्र मिशन के लिए विशेष प्रशिक्षण
इन साइबर कमांडो को सर्वोत्तम प्रशिक्षण देने के लिए उन्हें भारत के शीर्ष संस्थानों में प्रशिक्षित किया जाएगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) में इन्हें डिजिटल फॉरेंसिक से लेकर साइबर सुरक्षा तक की विशेषज्ञता प्रदान की जाएगी।
IIT कानपुर, IIT मद्रास, IIT कोट्टायम और IIIT नया रायपुर जैसे संस्थानों को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। इसके अलावा, सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, गांधीनगर भी इन साइबर विशेषज्ञों के प्रशिक्षण केंद्र होंगे। पहला बैच जिसमें 350 अधिकारी शामिल होंगे, इस महीने से प्रशिक्षण शुरू करेगा।
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साइबर कमांडो क्यों जरूरी हैं?
साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए साइबर कमांडो यूनिट की स्थापना का समय बेहद उपयुक्त है। 2023 में भारत को साइबर धोखाधड़ी के कारण 7,488.6 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। महाराष्ट्र और तेलंगाना इस नुकसान से सबसे अधिक प्रभावित राज्य रहे।
गृह मंत्रालय के अनुसार, “हम एक प्रशिक्षित पुलिस कर्मियों के समूह का गठन कर रहे हैं, जो आईटी और संचार प्रौद्योगिकी के बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और साइबर हमलों का त्वरित जवाब देने में सक्षम होंगे।”
साइबर कमांडो कार्यक्रम का लॉन्च 10 सितंबर को
साइबर कमांडो कार्यक्रम का आधिकारिक उद्घाटन 10 सितंबर 2024 को किया जाएगा, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले बैच के कमांडो से मुलाकात करेंगे। यह कदम देश की साइबर सुरक्षा को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।
भारत के साइबर भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए यह साइबर कमांडो यूनिट एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश की डिजिटल सीमाओं की सुरक्षा के लिए एक मजबूत कवच साबित होगी।
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