“आमडांगा, 5 जनवरी 2024: आज, 63 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल ने आमडांगा जुगोल किशोर महाविद्यालय में डॉ. संजय दास, सहायक कमांडेंट (मेडिकल) के द्वारा एक महत्वपूर्ण जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया। इस अद्भुत पहल के जरिए, उन्होंने विद्यार्थियों को HIV और ड्रग एब्यूज से बचने के लिए जागरूक किया।
डॉ. संजय दास ने अपने विस्तृत व्याख्यान में सुनाया कि HIV एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो अनगिनत लोगों को प्रभावित कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि युवा वर्ग को इस समस्या से बचने के लिए सचेत रहना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, उन्होंने ड्रग एब्यूज के नकारात्मक प्रभावों पर भी चर्चा की और यह बताया कि एक स्वस्थ जीवनशैली का अनुसरण करना क्यों आवश्यक है।
स. उ. नि. सामान्य तुषार कान्ति बिश्वास ने बेटी बचाव और बेटी पढ़ाओ के महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने उत्कृष्ट विचार साझा किए। उन्होंने सुनिश्चित किया कि छात्राएं इस महत्वपूर्ण संदेश को समझें और समाज में उनकी भूमिका में सकारात्मक परिवर्तन करें।
इस जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत, स. उ. नि. सामान्य तुषार कान्ति बिश्वास ने एक और महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की – “नशा मुक्त भारत” का शपथ ग्रहण कार्यक्रम। इसके द्वारा, छात्रों को नशे के हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए सकारात्मक दिशा में मोड़ने का मौका मिला।
कार्यक्रम में शामिल होने वाले छात्रों ने सक्रियता से भाग लिया और संवेदनशीलता से जागरूक होने का पूरा साहस दिखाया। उन्होंने अपने सुझाव और अनुभव साझा करके एक अपने आत्मनिर्भर भविष्य की ओर कदम बढ़ाने का आलंब जताया।
सशस्त्र सीमा बल की 63 वीं वाहिनी के प्रमुख ने इस अद्भुत पहल को सराहा और छात्रों की उत्सुकता की सराहना की। उन्होंने यह भी बताया कि इसका उद्दीपन और समर्थन नवजागरूकता आंदोलन के सफल होने की कुंजी है।
यह आयोजन विशेष रूप से विद्यार्थीयों के लिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि इसके माध्यम से उन्हें सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक मौका मिला। छात्रों ने इस संदेश को ध्यान से सुना और इसके बारे में विचार किया।
इस जागरूकता कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन करने के लिए सभी संबंधित व्यक्तियों का आभार। इससे न केवल छात्रों को एक सशक्त समाज की दिशा में बढ़ने का मौका मिला, बल्कि यह भी साबित करता है कि सेना समृद्धि और जागरूकता को समर्थन करने के लिए सक्रिय रूप से समर्थ है।
इस अद्वितीय कार्यक्रम ने युवा पीढ़ी को समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए प्रेरित किया और एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य की दिशा में उन्हें मार्गदर्शन किया।”