17 जनवरी 2024 को 34वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल ने हिंदुस्तान-मोड सीमा पर एक अद्वितीय कार्यक्रम का आयोजन किया है, जिसमें सभी समवाय/सीमा चौकी ने “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” के जागरूकता अभियान का सक्रिय रूप से समर्थन किया। इस कदम के तहत, सीमा चौकी ने अपनी कड़ी मेहनत के माध्यम से बेटी सुरक्षित रखने और उन्हें शिक्षित बनाए रखने के महत्वपूर्ण संदेश को पहुंचाया है।
कार्यक्रम के दौरान, सभी समवाय/सीमा चौकी ने “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” के नारे के साथ सशस्त्र सीमा बल की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की। इसके अलावा, वे कैंप परिसर में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के बैनर और लोगो (logo) को सजाकर एक सशक्त समाज की दिशा में एक मजबूत संकेत दिया है।
छायाचित्रों के माध्यम से, हम सीमा चौकी के सशस्त्र सीमा बल कर्मियों के साथ इस अद्वितीय कार्यक्रम की माहौल को देख सकते हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के संकल्प को सामूहिक रूप से बढ़ाते हुए, उन्होंने इसे अमल में लाने के लिए कई नए कदम उठाए हैं।
इस कार्यक्रम में विशेष महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए, सीमा चौकी के कर्मचारियों ने अपने समर्थन के प्रति अपना समर्पण प्रदर्शित किया है। उन्होंने बेटियों को सुरक्षित रखने और उन्हें शिक्षित बनाए रखने के लिए किए गए उपायों की बातचीत की और इसमें समाज को साथ लेने के लिए प्रेरित किया।
कैंप परिसर में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के बैनर और लोगों का सजावटी स्वरूप उपलब्ध है, जो इस कदम के महत्वपूर्ण संदेश को और भी प्रभावी बनाता है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी कर्मचारी और सामाजिक सदस्य इस महत्वपूर्ण मुद्दे में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं और बेटियों के समर्थन में एकजुट हैं।
सशस्त्र सीमा बल के इस जागरूकता अभियान से सामाजिक सदस्यों में बेटियों के प्रति समर्पण और समर्थन की भावना में वृद्धि होगी। इस अद्वितीय पहल से सिख मिलती है कि सशस्त्र सीमा बल ने समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाई है और वह बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के मौद्रिक नारे को अपने कर्मों से जोड़ रहा है।
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