फालकाटा में 17वीं वाहिनी एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) के परिसर में आज से शुरू हुआ “मृदु कौशल” पर एक 6-दिवसीय फ्रंटियर स्तर का कार्यशाला सशस्त्र सीमा बल के फ्रंटियर एसएसबी सिलीगुड़ी और सेक्टर एसएसबी जलपाईगुड़ी के मार्गनिर्देशों के तहत किया जा रहा है। इस कार्यशाला का उद्घाटन शिव दयाल, डीआईजी फ्रंटियर हेडक्वार्ट एसएसबी, सिलीगुड़ी ने किया, जिसमें साथ ही 17 वाहिनी के कमांडेंट संजय त्रिपाठी, जलपाईगुड़ी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर श्री एन मुखोपाध्याय, सैक्टर एसएसबी जलपाईगुड़ी, और 17, 53, और 34 वाहिनी एसएसबी के अधिकारियों की उपस्थिति थे।
इस अद्भूत कार्यशाला की शुरुआत उद्घाटन समारोह के दौरान किए गए, जिसमें सभी उपस्थित व्यक्तियों ने एक साथ मिलकर कार्यशाला की शुरुआत को शोभायमान बनाया। डीआईजी, शिव दयाल ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “यह कार्यशाला हमारे सशस्त्र सीमा बल के कर्मियों के लिए मौका है ताकि वे मृदु कौशलों को सीख सकें और अपनी पेशेवर उन्नति में मदद कर सकें।”
कार्यशाला का उद्देश्य सशस्त्र सीमा बल के कर्मियों को सौजन्य, संवेदनशीलता, और सामाजिक संबंध बनाए रखने के लिए आवश्यक मृदु कौशल सिखाना है। यह 6-दिवसीय कार्यशाला विभिन्न विषयों पर हो रही है, जैसे कि संवाद कौशल, टीम काम, और नेतृत्व। श्री एन मुखोपाध्याय, जो जलपाईगुड़ी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर हैं, ने कार्यशाला में अपने विशेषज्ञता का साझा किया और कर्मियों को विभिन्न पहलुओं से प्रेरित किया।
17 वाहिनी के कमांडेंट संजय त्रिपाठी ने कहा, “इस कार्यशाला का आयोजन सशस्त्र सीमा बल के फ्रंटियर सिलीगुड़ी और सैक्टर जलपाईगुड़ी के मार्गदर्शन और मार्गनिर्देशों के तहत किया जा रहा है। इसका उद्देश्य हमारे कर्मियों को मृदु कौशलों में महारत प्राप्त करने का है, जिससे वे अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें।”
यह कार्यशाला श्री एन मुखोपाध्याय के नेतृत्व में चल रही है, जो जलपाईगुड़ी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के विभागीय प्रमुख हैं और जिन्होंने अपने विशेषज्ञता के साथ इस कार्यशाला को निर्देशित किया है। कार्यशाला में शामिल 85 कर्मियों को विभिन्न गतिविधियों और उदाहरणों के माध्यम से मृदु कौशलों का विकास करने का अवसर मिल रहा है।