SSB Parade नई दिल्ली (20 जनवरी, 2024): भारत-नेपाल तथा भारत-भूटान सीमा के प्रहरी, सशस्त्र सीमा बल ने अपनी हीरक जयंती के अवसर पर प्रशिक्षु प्रशिक्षण केन्द्र सलोनीबाड़ी, असम में एक शानदार परेड का आयोजन किया। इस दौरान बल ने अपने ध्येय वाक्य “सेवा, सुरक्षा, बन्धुत्व“ को दोहराया।
हर वर्ष बल के स्थापना दिवस को नई दिल्ली के अन्यत्र स्थान पर आयोजित करवाने के गृह मंत्रालय की पहल के तहत सशस्त्र सीमा बल ने अपनी 60वीं स्थापना दिवस परेड का आयोजन प्रशिक्षु प्रशिक्षण केन्द्र, सलोनीबाड़ी में उत्साह और उल्लास के समृद्ध पारंपरिक माहौल में मनाया। मुख्य अतिथि के रूप में श्री अमित शाह, माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने परेड की सलामी ली। इस अवसर पर विशेष आमंत्रितों में डॉ हिमंत बिश्वा शर्मा, मुख्यमंत्री असम, श्री अजय कुमार भल्ला, गृह सचिव, केंन्द्रीय व राज्य सरकार के विभिन्न पदाधिकारी एसएसबी के सेवानिवृत्त और सेवारत अधिकारी और उनके परिवारजन भी मौजूद रहें।
परेड के दौरान, सशस्त्र सीमा बल की 06 सीमांत मुख्यालयों को दर्शाती 06 टुकड़ियों के साथ-साथ महिला दस्ता, विशेष प्रचालन दस्ता एवं स्वान दस्ते ने सलामी मंच के सामने से मार्च पास्ट किया। सभी टुकड़ियों ने सीमा के प्रहरियों की वीरता, शौर्य और राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया |
कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद श्री अमित शाह, माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने प्रशिक्षण केंन्द्र, सलोनीबाड़ी, असम में शहीद स्मारक पर राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले एसएसबी के शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दीI अपने संबोधन में बल के ऐतिहासिक पहलुओं का सारांश देते हुए, महानिदेशक श्री अनीश दयाल सिंह ने सशस्त्र सीमा बल की यात्रा का वर्णन किया। उन्होंने बताया किवर्तमान में सशस्त्र सीमा बल 73 बटालियनों के देश सेवा में समर्पित 91 हजार से अधिक बहादुर जवानों के साथ कार्य कर रहा है। सशस्त्र सीमा बल भारत-नेपाल तथा भारत-भूटान सीमा की सुरक्षा के साथ ही छत्तीसगढ़, झारखंड और जम्मू एवं कश्मीर में नक्सलवाद तथा आतंकवाद को रोकने में महती भूमिका निभा रहा है। बल में शामिल पुरुषों और महिला कर्मियों कोदेश के हर तरह के चरमपंथी क्षेत्र और अन्य चुनौतीपूर्ण भौगोलिक क्षेत्रों में तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि कैसे इस बल ने अपनी विभिन्न जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करते हुए खुद को एक बहु-आयामीबल के रूप में स्थापित किया है। महानिदेशक एसएसबी ने प्रचालन, राहत एवं बचाव कार्य, क्रीड़ा क्षेत्र, साहसिक कार्य, नागरिक कल्याण, पड़ोसी देशों के साथ द्विपक्षीय सहयोग और अन्य क्षेत्रों में बल के विभिन्न संरचनाओं और संस्थानों की उपलब्धियों के विषय में जानकारी दी।
मुख्य अतिथि श्री अमित शाह, विशिष्ट अतिथियों, गणमान्य व्यक्तियों, बल के कार्मिकों और उनके परिवारों का स्वागत करते हुए, महानिदेशक एसएसबी ने भारत-नेपाल तथा भारत-भूटान सीमाओं के साथ सीमान्त अपराधों को रोकने के लिए उठाए गए कदमों का विशेष उल्लेख किया। जब्ती और गिरफ्तारी के क्षेत्र में प्रचालन उपलब्धियों के लिए बल और बलकर्मियों को बधाई दी और मानव तस्करी के क्षेत्र में बल द्वारा किए जा रहे सराहनीय कार्यों तथा सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए किये जा रहे नागरिक कल्याण कार्यक्रमों की भी प्रशंसा की।
माननीय मुख्य अतिथि श्री अमित शाह ने विशिष्ट सेवा के लिए 02 राष्ट्रपति पुलिस पदक, मेधावी सेवा के लिए 11 पुलिस पदक और एसएसबी वाहिनियों को उनके कर्तव्यों के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ट्राफियां प्रदान की।
अपने संबोधन के दौरान, माननीय मुख्य अतिथि श्री अमित शाह ने परेड के शानदार प्रदर्शन और प्रशिक्षु प्रशिक्षण केन्द्र सलोनीबाड़ी में कार्यक्रम आयोजित करने के निर्णय की सराहना की। मुख्य अतिथि ने एसएसबी के गौरवशाली इतिहास के विषय में बताते हुए, भारत-नेपाल तथा भारत-भूटान सीमाओं तथा देश की रक्षा करने के रूप में एसएसबी की भूमिका की भीसराहना की। भारत सरकार द्वारा बल में लागू किए गए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं, विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के दौरान कर्मियों के योगदान के विषय में अवगत करवाया। माननीय मुख्य अतिथि ने भारत-नेपाल तथा भारत-भूटान की खुली सीमाओं की चुनौतियों के बावजूद एसएसबी द्वारा मादक पदार्थों, अवैध हथियार, जाली मुद्रा, वन्य जीव तथा वन्य सम्पदा और सीमा पर प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी के खिलाफ एसएसबी की अभूतपूर्व कार्यवाही तथा वर्ष 2023 में एसएसबी के द्वारा करोड़ों रुपये मूल्य कीनिषिद्ध वस्तुओं की जब्ती और 5000 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार करने की सराहना की। माननीय मुख्य अतिथि ने छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार में एसएसबी द्वारा चलाए गए नक्सल विरोधी अभियानों और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में सशस्त्र सीमा बल की भूमिका की भी प्रशंसा की।
माननीय गृह मंत्री ने एसएसबी के द्वारा इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में 234 पदक विजेताओं को बधाई दी। एशियन गेम्स में एथलेटिक्स में कांस्य पदक जीतने वाले एसएसबी के खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि एसएसबी के खिलाड़ी इसी प्रकार देश तथा बल का नाम रोशन करेंगे।
उन्होंने एसएसबी को बधाई देते हुए कहा कि एसएसबी कॉम्बैट रोल में महिलाओं की भर्ती करने वाला भारत की प्रथम बॉर्डर गार्डिंग फोर्स है। वर्ष-2023 तक बल में महिलाओं की भागीदारी 4% तक पहुँच गई है और बल में 3900 से अधिक महिलाएं अपना कर्तव्य बखूभी निभा रही हैं। वर्ष 2026 तक बल में महिलाओं की संख्या को 6% तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। सीमा सुरक्षा के अतिरिक्त संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) मिशन एवं अमरनाथजी यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था जैसी चुनौतीपूर्ण ड्यूटी में भी महिला बलकर्मी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रही हैं।
माननीय गृहमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि देश की सीमाओं पर अवस्थित गाँव देश के अंतिम गाँव कहलाते हैं, परंतु यदि वास्तव में देखा जाए तो देश में प्रवेश करते समय ये गाँव देश के पहले गाँव हैं। इन गाँवों में सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में, सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ यहाँ के निवासियों तक पहुँचाने में और भारत सरकार की महत्वाकांक्षी “वाइब्रेंट विलेज योजना” को सफल बनाने में एसएसबी द्वारा किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं।
श्री अमित शाह ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सशस्त्र सीमा बलमाननीय प्रधानमंत्री द्वारा आरम्भ किए गए अभियानों जैसे:- बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत मिशन, जल संरक्षण, बैन ऑन सिंगल यूज प्लास्टिक, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, एक भारत श्रेष्ठ भारत, खाने में श्रीअन्न को बढावा तथा आजादी का अमृत महोत्सव इत्यादि को पूर्ण सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि, 05 करोड से अधिक पौधों को लगाकर कर एसएसबी ने वृक्षारोपण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
श्री अमित शाह ने भारत सरकार द्वारा सीएपीएफ जवानों के लिए जारी आयुष्मान सीएपीएफ, आवास योजना, ई-आवास पोर्टल तथा प्रधानमंत्री छात्रवृत्ती योजना की जानकारी दी।
अंत में माननीय मुख्य अतिथि ने वीरता पदक, राष्ट्रपति पुलिस पदक और भारतीय पुलिस पदक प्राप्त करने वाले कार्मिकों को भी बधाई दी और बल की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर सभी बल कर्मियों को शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम के दौरान सशस्त्र सीमा बल हीरक जयंती स्मारक डाक टिकट का विमोचन किया गया। साथ ही 223 करोड़ की लागत से सीमांत मुख्यालय पटना, सिलीगुड़ी, गुवाहाटी और प्रशिक्षु प्रशिक्षण केन्द्र, सालोनीबाड़ी में निर्मित किये गये भवनों का ई-लोकार्पण किया गया। इन नवनिर्मित भवनों में क्वार्टर गार्ड, अधिकारी एवं अधीनस्थ अधिकारी मैस, जवान बैरक, रसोईघर, अस्पताल और टाइप 2, 3, 4, 5 के फैमिली क्वार्टर शामिल है। यह सभी भवन उच्च गुणवत्ता एवं अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं। इनके निर्माण से बलकर्मियों को अपने दायित्वों के निर्वहन में मदद मिलेगी और उनका मनोबल बढ़ेगा।
बल के सदस्यों द्वारा रोमांचक योग का प्रदर्शन किया गया। इसके अतिरिक्त बल के कार्मिको द्वारा 07 उत्तर-पूर्वी राज्यों की सभ्यता को दर्शाता एक कार्यक्रम नृत्य के रूप में किया गया।
बल की हीरक जयंती समारोह के अवसर पर सशस्त्र सीमा बल को अपने मेहमानों की मेजबानी करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, जिनमें महत्वपूर्ण गणमान्य व्यक्ति ए.पी.एफ. नेपाल से आए अधिकारीगण, एसएसबी और अन्य संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी तथा सशस्त्र सीमा बल के सेवानिवृत्त अधिकारी एवं कर्मचारी भी शामिल रहे।