4 जनवरी 2024 को दोपहर 12 बजे, 69वीं वाहिनी एस. एस. बी. पाक्योंग (सिक्किम) के बाह्य सीमा चौकी धुपिधारा में मौसम के खराब होने के कारण हुए हिमपात के दौरान एक चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई। इस संघर्ष के दौरान पश्चिम बंगाल और देश के अन्य क्षेत्रों से आए 16 पर्यटकों की गाड़ियां फिसल कर पत्थरों से टकराईं, जिससे कुछ पर्यटकों को चोटें आईं और सभी महसूस करने लायक भयभीत हो गए।
इस चुनौतीपूर्ण परिस्थिति का सामना करते हुए बलकर्मियों ने शीघ्रता से कार्रवाई करते हुए पर्यटकों को सीमा चौकी धुपिधारा में पहुंचाया। यहां वाहिनी के चिकित्सा अधिकारी श्रीमती डोमा लंचेम्पा और द्वितीय कमान अधिकारी द्वारा त्वरित उपचार किया गया, जिससे चोटें व्यवस्थित हो सकें और उन्हें आवश्यक ऑक्सीजन प्रदान किया गया।
इस घड़ी की भयंकर स्थिति में, सभी पर्यटकों को बलकर्मियों के साथ मिलकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में सफलता मिली। इस दुर्घटना के बाद सभी पर्यटकों को चाय पिलाई गई और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान की गई।
चौंकाने वाले हादसे के बाद, सीमा चौकी ने बलकर्मियों के साथ मिलकर और भी जरुरी सहायता प्रदान की। सीमा चौकी धुपिधारा ने अन्य आवश्यक सुरक्षा उपायों की प्रदान की और सभी पर्यटकों को वाहिनी के वाहनों से सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया।
इस आपातकालीन परिस्थिति में, बल एवं वाहिनी के कर्मियों ने बहादुरी और संघर्षशीलता का सबूत दिया। इस घड़ीची आपत्ति में उन्होंने न केवल अपने सीमा सुरक्षा कर्ताओं की वीरता दिखाई, बल्कि वे उन अज्ञात यात्रीगण की रक्षा के लिए भी तत्पर रहे।
सीमा चौकी धुपिधारा ने इस घड़ीची चुनौती का सामना करने वाले बलकर्मियों को और वाहिनी के सभी कर्मियों को सलाही बयान दी और उनकी बहादुरी और समर्पण की सराहना की। इस मुश्किल समय में उनका सहयोग बहुत ही महत्वपूर्ण था और इससे स्पष्ट हुआ कि वे अपने कर्तव्यों के प्रति कितने सच्चे हैं।
इस दुर्घटना के पश्चात सीमा चौकी धुपिधारा ने सभी पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए संघर्ष किया, जिससे सभी पर्यटक ने उन्हें कृतज्ञता से देखा। इस पर्यावरण में उनका सशक्त प्रबंधन और आपातकालीन स्थिति का सही समर्पण उन्हें सराहनीय बनाता है।
इस घड़ीची घटना ने बल और वाहिनी के उत्कृष्ट सामर्थ्य को साबित किया है और यह दिखाता है कि वे सीमा सुरक्षा के पर्यावरण के साथ ही अपने कर्तव्यों के प्रति भी उत्सुक हैं। इस परिस्थिति में सभी बलकर्मियों को और वाहिनी के सभी कर्मियों को यह साहस दिखाने के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।