दिनांक 18.01.2024 को, 53 वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, सिमलाबाड़ी-फालाकाटा क्षेत्र में स्थित समवाय नयाबस्ती के क्षेत्र में स्थित भातपारा A गांव में 53 वाहिनी एसएसबी द्वारा आयोजित किए गए 30 दिवसीय सिलाई प्रशिक्षण का समापन समारोह ने नागरिक कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया।
**कार्यक्रम का संरचना:**
यह सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम एक महीने की दी गई समय सीमा में संपन्न हुआ और इसमें आधुनिक सिलाई तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया। इसके अंत में, समापन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें सीमावर्ती ग्रामीण युवतियों को प्रमाण पत्र और सिलाई किट्स भी वितरित किए गए।
**युवाओं को सिखाई गई नौकरीयों की कला:**
कार्यक्रम ने ग्रामीण युवतियों को नौकरीयों की नई दिशा में प्रेरित किया है। उन्हें आधुनिक सिलाई तकनीकों का परिचय हुआ और उन्हें विभिन्न वस्त्र और डिज़ाइनों को सिलाई करने का कौशल सिखाया गया। यह नौकरियों में आत्मनिर्भरता और रोजगार के साधन के रूप में उनके लिए एक नया दरवाजा खोल सकता है।
**सामाजिक समर्थन कार्यक्रम:**
समारोह के दौरान नहीं सिर्फ सिलाई प्रशिक्षण का ही महत्व था, बल्कि इसने ग्रामीण समुदाय में सामाजिक समर्थन भी बढ़ाया। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान, मिलेट्स का उपयोग, नशा मुक्त भारत अभियान, प्लास्टिक का उपयोग न करने, और मधुमक्खी पालन के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक करने का कार्य किया गया। इससे न सिर्फ उनका ज्ञान बढ़ा, बल्कि समुदाय में स्वस्थ और सामरिक बदलाव भी हुआ।
**उपस्थित विशेषज्ञों की संवादशैली:**
इस कार्यक्रम में श्री एस के पाण्डेय, जो चाय बागान के प्रबंधक हैं, ने उपस्थित युवतियों का मनोबल बढ़ाया और आत्मनिर्भरता की महत्वपूर्णता पर चर्चा की। ग्राम प्रधान, श्री मति ज्योति गुरुंग ने समुदाय के सदस्यों के साथ समाज सुधार की बहुत योजनाओं पर चर्चा की।
**आगामी योजनाएँ:**
सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल समापन के बाद, सशस्त्र सीमा बल ने ग्रामीण युवतियों के लिए आगामी योजनाओं की घोषणा की है। इसमें उन्हें विभिन्न विभागों से आगे की पढ़ाई के लिए समर्थन, और नए रोजगार के अवसरों की प्रदान की जा रही है।
**समापन:**
सिमलाबाड़ी-फालाकाटा क्षेत्र में हुआ इस सशस्त्र सीमा बल द्वारा आयोजित नागरिक कल्याण कार्यक्रम ने ग्रामीण समुदाय के उत्थान की दिशा में एक प्रेरणास्त्रोत प्रदान किया है। सिलाई प्रशिक्षण के माध्यम से नौकरियों की तलाश में युवाओं को नई राह मिली है और उन्हें समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का एक माध्यम मिला है।