
गंगा के मीर घाट पर एनडीआरएफ ने दिखाई जांबाज़ी, डूबते मासूम की बचाई जान
वाराणसी, 04 जुलाई 2025 – गंगा की पावन धाराओं पर जनसुरक्षा के प्रहरी के रूप में तैनात 11वीं वाहिनी, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम ने एक बार फिर अपने साहस और सतर्कता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।
आज प्रातः वाराणसी के मीर घाट पर स्नान करते समय एक 7 वर्षीय बालक, आयु कुमार, निवासी राजीपुरम, लखनऊ (उत्तर प्रदेश), अचानक गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा। घाट पर मौजूद लोग भयभीत होकर मदद के लिए चिल्लाने लगे।
घटना की गंभीरता को देखते हुए मौके पर पिकेट ड्यूटी पर तैनात एनडीआरएफ की टीम ने बिना कोई समय गंवाए तुरंत कार्रवाई की। प्रशिक्षित और सतर्क जवानों ने साहसिक रेस्क्यू ऑपरेशन करते हुए बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। बालक को प्राथमिक उपचार देने के बाद उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
यह अद्भुत साहसिक कार्य उप महानिरीक्षक श्री मनोज कुमार शर्मा के कुशल निर्देशन में तैनात 11वीं वाहिनी, एनडीआरएफ की टीम द्वारा संभव हुआ। एनडीआरएफ की यह टीम वाराणसी के विभिन्न घाटों पर नियमित रूप से पिकेट ड्यूटी एवं जलगश्ती के माध्यम से चौबीसों घंटे जनसुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध रहती है।
स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने भी एनडीआरएफ के इस त्वरित एवं साहसिक प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि घाटों पर उनकी उपस्थिति एक बड़ी राहत है।
एनडीआरएफ ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उनका मूल मंत्र “आपदा सेवा सदैव” केवल शब्द नहीं, बल्कि हर परिस्थिति में निभाई जाने वाली जिम्मेदारी है।
🔹 रिपोर्ट: जवान टाइम्स
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