
Minor Couple Rescued by SSB While Attempting to Flee to Nepal
सिलीगुड़ी, 19 मार्च 2025: भारत-नेपाल सीमा पर तैनात 41वीं बटालियन SSB रानीडंगा की “C” कंपनी, पानीटंकी ने मंगलवार शाम 5:30 बजे एक संदिग्ध नाबालिग जोड़े को नेपाल जाते समय रोक लिया। नियमित चेकिंग के दौरान जब SSB कर्मियों ने उनके दस्तावेजों की जांच की, तो उनके बयानों में विरोधाभास पाया गया।
जब उनसे नेपाल जाने का कारण पूछा गया, तो उन्होंने खुद को भाई-बहन बताया, लेकिन वे इस दावे को साबित नहीं कर सके। पूछताछ में जब सख्ती की गई तो उनकी असलियत सामने आ गई—वे प्रेमी-प्रेमिका थे और अपने घरवालों की नाराजगी से बचने के लिए नेपाल भाग रहे थे।
रेस्क्यू किए गए नाबालिगों की पहचान मीना अधिकारी (17 वर्ष, इंफाल, मणिपुर) और रोहन छेत्री (16 वर्ष, दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल) के रूप में हुई है। पूछताछ में उन्होंने बताया कि उनके बीच प्रेम संबंध है, लेकिन घरवालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था।
मीना और रोहन ने घर से भागने की योजना बनाई और बिना किसी कानूनी दस्तावेज के सीमा पार करने का प्रयास किया। अगर SSB के जवान सतर्क न होते, तो दोनों किसी मानव तस्करी, अपराध या अन्य खतरनाक स्थिति में फंस सकते थे।
नेपाल, भारत से सटा एक ओपन बॉर्डर वाला देश है, जहां भारतीय नागरिक बिना वीजा के प्रवेश कर सकते हैं। इस कारण, अक्सर नाबालिग या युवा प्रेमी जोड़े घर से भागकर नेपाल जाने की कोशिश करते हैं। लेकिन इस तरह के मामलों में कई बार मानव तस्करी या जबरन मजदूरी का शिकार होने का खतरा रहता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बिना सोचे-समझे इस तरह भागना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि कई बार ऐसे जोड़ों को बिचौलिये धोखे से वेश्यावृत्ति या अवैध कामों में धकेल देते हैं।
SSB की सक्रियता से इस बार दो नाबालिगों को गलत हाथों में जाने से बचा लिया गया। उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, SSB ने दोनों को NGO की मदद से उनके परिवार वालों को सौंप दिया।
इस मामले ने माता-पिता और अभिभावकों के लिए एक गंभीर संदेश छोड़ा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि किशोरावस्था में बच्चों के अंदर विद्रोही प्रवृत्ति अधिक होती है, खासकर जब माता-पिता उनके निर्णयों का समर्थन नहीं करते। अगर बच्चों से संवाद नहीं किया गया तो वे गलत कदम उठा सकते हैं, जो उनकी सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।
सीमा सुरक्षा बलों की अपील
✅ माता-पिता अपने बच्चों के व्यवहार पर ध्यान दें।
✅ बच्चों से संवाद करें और उनके फैसलों को समझने की कोशिश करें।
✅ बिना बताए घर से निकलने या अचानक लापता होने पर तुरंत रिपोर्ट करें।
✅ किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस या SSB को दें।
आप क्या सोचते हैं?
क्या माता-पिता को अपने बच्चों को ज़्यादा समझने की कोशिश करनी चाहिए? या फिर युवाओं को घर से भागने जैसी हरकतों से बचना चाहिए? कमेंट में अपनी राय जरूर दें!
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