Historic Promotion in CRPF: 217 Sweepers and Peons promoted to Head Constables
CRPF में ऐतिहासिक पदोन्नति: 217 सफाईकर्मी और चपरासी बने हेड कांस्टेबल
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने अपने 85 वर्ष के इतिहास में एक अभूतपूर्व और ऐतिहासिक कदम उठाया है। पहली बार, बल में सबसे निचले स्तर पर कार्यरत 217 सफाईकर्मी और चपरासी को पदोन्नति देकर हेड कांस्टेबल बनाया गया है। यह ऐतिहासिक पदोन्नति केंद्र सरकार द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में 2600 कर्मियों को पदोन्नति देने की घोषणा के बाद की गई है, जिसे बल में समर्पित कर्मियों के प्रति एक महत्वपूर्ण मान्यता के रूप में देखा जा रहा है।
सोमवार को सीआरपीएफ के दिल्ली स्थित मुख्यालय और विभिन्न कार्यालयों में ‘रैंक पाइपिंग’ समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीआरपीएफ के महानिदेशक ए डी सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर प्रमोशन पाने वाले कर्मियों की वर्दी पर नए रैंक लगाए और बल मुख्यालय में उनके परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में उन्हें बधाई दी। यह क्षण न केवल उनके लिए, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी गर्व का विषय था।
समर्पण और सेवा की मान्यता
महानिदेशक ए डी सिंह ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, “सीआरपीएफ का हर सदस्य, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो, हमारे राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पहल इस बात को मान्यता देती है कि समर्पण, कड़ी मेहनत और सेवा बल के हर कोने से आती है, और इस मान्यता के बिना कोई भी बल अपने मिशन में सफल नहीं हो सकता।”
यह पदोन्नति उन कर्मियों के लिए एक सम्मानजनक और सराहनीय उपलब्धि है, जिन्होंने दशकों तक निस्वार्थ सेवा की। औसतन, ये कर्मी लगभग 30-35 वर्षों तक सफाईकर्मी या चपरासी के रूप में सेवा करने के बाद उसी पद पर सेवानिवृत्त होते थे। अब उन्हें कांस्टेबल के पद से हेड कांस्टेबल के अगले उच्च पद पर पदोन्नत किया गया है, जो उनकी दशकों की मेहनत का एक मान्यतापूर्ण फल है।
निचले स्तर के कर्मियों के लिए नया युग
इस पदोन्नति ने बल में एक नया युग शुरू किया है, जहां निचले स्तर के कर्मियों के योगदान को मान्यता मिल रही है। यह कदम उन हजारों कर्मचारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा, जो वर्षों से बिना किसी पदोन्नति के सेवा करते आ रहे हैं। अब वे भी यह उम्मीद कर सकते हैं कि उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को सम्मान मिलेगा।
पदोन्नति प्राप्त करने वाले कर्मियों के चेहरे पर गर्व और उत्साह स्पष्ट दिखाई दे रहा था। उनमें से एक हेड कांस्टेबल बने कर्मी ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इस स्तर पर मान्यता मिलेगी। यह सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि मेरे परिवार की भी जीत है। आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि मेरी दशकों की सेवा का फल मिला है।”
आगे का मार्ग
यह पहल सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों के लिए एक मिसाल कायम करती है, जिसमें यह दिखाया गया है कि समर्पण और कड़ी मेहनत का सम्मान किसी एक पद या भूमिका तक सीमित नहीं है। यह उन कर्मचारियों को प्रेरित करेगा जो बल के निचले स्तर पर काम कर रहे हैं, यह विश्वास दिलाते हुए कि उनकी सेवा को भी मान्यता और सम्मान मिलेगा।
सीआरपीएफ का यह कदम निश्चित रूप से भविष्य में अन्य बलों और संगठनों को भी प्रेरित करेगा, जिससे निचले स्तर के कर्मचारियों के अधिकारों और योगदानों की अधिक सराहना की जाएगी।
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