Fake SBI Branch Exposed: Job Scam Dupes Locals and Employees
छत्तीसगढ़ में SBI की फर्जी शाखा का पर्दाफाश, बेरोजगारों को सरकारी नौकरी का झांसा देकर लाखों की ठगी
छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के एक छोटे से गांव छपोरा में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की फर्जी ब्रांच खोलने का मामला सामने आया है। ठगों ने एक बेहद सुनियोजित तरीके से इस फर्जी बैंक को स्थापित किया और यहां न केवल स्थानीय लोगों से लेन-देन कराया बल्कि बेरोजगार युवाओं को भी सरकारी नौकरी का झांसा देकर उनसे मोटी रकम वसूल की।
बैनर, पोस्टर और कर्मचारियों की नियुक्ति भी की गई
यह फर्जी बैंक वैभवी कॉम्प्लेक्स में चलाया जा रहा था, जहां बाकायदा SBI के बैनर और पोस्टर लगाए गए थे। लोगों को भ्रमित करने के लिए बैंक काउंटर तक बनाए गए थे। सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि यहां कर्मचारियों की भी नियुक्ति की गई थी। इन कर्मचारियों को असली जैसे दिखने वाले ऑफर लेटर दिए गए थे, जिन्हें लेकर वे खुद को एक प्रतिष्ठित बैंक के अधिकारी मानकर काम कर रहे थे।
ग्रामीण और कर्मचारी दोनों बने शिकार
इस फर्जीवाड़े से अनजान ग्रामीण, इस कथित बैंक में अपने खाते खुलवाने और लेन-देन करने लगे थे। वहीं, नए भर्ती किए गए कर्मचारी, जो मैनेजर, कैशियर और मार्केटिंग ऑफिसर जैसे पदों पर काम कर रहे थे, सरकारी नौकरी मिलने की खुशी में थे। लेकिन असलियत का खुलासा तब हुआ जब नजदीकी डबरा शाखा के मैनेजर को इस ब्रांच पर शक हुआ और उन्होंने पुलिस और SBI के उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी।
27 सितंबर को खुला फर्जीवाड़ा
27 सितंबर को जब पुलिस और बैंक अधिकारियों ने इस कथित ब्रांच की जांच की, तो पता चला कि यह पूरी तरह से फर्जी थी। यहां तक कि यहां काम करने वाले कर्मचारी भी फ्रॉड का शिकार थे। इनसे नौकरी देने के नाम पर 2 से 6 लाख रुपये तक की रकम वसूली गई थी। पुलिस ने इस फर्जी ब्रांच को तुरंत सील कर दिया और मामले की गहन जांच शुरू की।
ठगी का मास्टरमाइंड और उसका तरीका
रिपोर्ट के अनुसार, इस फर्जी बैंक का मास्टरमाइंड बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा देकर उनसे पैसे वसूलता था। उन्होंने इन युवाओं को SBI जैसे बड़े संस्थान का नाम इस्तेमाल करके झांसे में लिया। यह फर्जी ब्रांच गांव के एक निवासी तोष चंद्र के किराए के कॉम्प्लेक्स में चलाई जा रही थी, जिसका किराया महज 7,000 रुपये प्रतिमाह था।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
पुलिस अधिकारी राजेश पटेल ने बताया कि आरोपी आपस में एक-दूसरे के करीबी प्रतीत होते हैं। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी, और उन्हें बाकायदा ट्रेनिंग भी दी गई थी ताकि वे अपने काम में किसी तरह की कमी न करें। फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच जारी रखते हुए ठगों के अन्य साथियों और पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।
सतर्कता की अपील
इस घटना के बाद पुलिस और बैंक अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी सरकारी नौकरी या बैंक से संबंधित ऑफर को गंभीरता से जांचें और उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें। साथ ही, ऐसे फर्जीवाड़ों से सावधान रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें।
इस फर्जी ब्रांच का मामला एक बार फिर साबित करता है कि ठग किस हद तक लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपनाते हैं। इसलिए, लोगों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और किसी भी सरकारी या बैंकिंग संस्थान से जुड़ी जानकारी की प्रमाणिकता को जांचना चाहिए।
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