CRPF DG had a 10 hour long conversation with ground commanders, listened to their hearts
जवान टाइम्स, नई दिल्ली, 28 मई 2024 – देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ में पहली बार किसी महानिदेशक (डीजी) ने ग्राउंड कमांडरों की समस्याओं और विचारों को सुना है। सीआरपीएफ के डीजी अनीश दयाल सिंह ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 250 से अधिक सहायक कमांडेंट्स से बातचीत की। यह बातचीत सुबह 10:30 बजे से शुरू होकर रात 8 बजे तक चली, जिसमें 10 घंटे तक लगातार संवाद हुआ।
ग्राउंड कमांडरों ने प्रमोशन में देरी को बताया अभिशाप
इस दौरान सहायक कमांडेंट्स ने प्रमोशन में देरी को अभिशाप बताया। अधिकांश युवा कमांडरों ने पदोन्नति सहित कई अन्य मुद्दों को उठाया। इसके अलावा, उन्होंने जवानों के कल्याण से संबंधित विभिन्न मुद्दों को भी डीजी के सामने रखा। डीजी अनीश दयाल सिंह ने सभी की बातें सुनी और समस्याओं को जल्द से जल्द हल करने का आश्वासन दिया।
पदोन्नति में देरी का मुद्दा
सीआरपीएफ में सहायक कमांडेंट के पद पर भर्ती होने वाले अधिकारियों को पहली पदोन्नति यानी डिप्टी कमांडेंट बनने में लगभग 15 साल का समय लग रहा है। वर्तमान में डीएजीओ (सीधी भर्ती के अधिकारी) के लिए पदोन्नति की दूरी और भी बढ़ रही है। एक अधिकारी ने पदोन्नति में देरी के कारण खुद को अभिशापित बताया। डीजी ने सभी अधिकारियों को आश्वस्त किया कि इस मुद्दे का जल्द ही समाधान किया जाएगा।
न्यायिक मामलों में कमी लाने का आश्वासन
संवाद के दौरान यह भी सामने आया कि नियमों की गलत व्याख्या के कारण कैडर अधिकारियों को प्रमोशन और अन्य लाभों से वंचित रखा गया है। कई अधिकारियों को मजबूरन अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। डीजी ने मुख्यालय के अधिकारियों को नियमों की सही व्याख्या करने के निर्देश दिए और न्यायिक मामलों में कमी लाने का भी आश्वासन दिया।
आश्वासन और उम्मीद
इस संवाद के बाद, ग्राउंड कमांडरों में उम्मीद जगी है कि उनके मुद्दों का समाधान जल्द ही होगा। डीजी अनीश दयाल सिंह की यह पहल एक सकारात्मक कदम है और यह सुनिश्चित करेगी कि अधिकारियों की समस्याओं का समाधान शीघ्रता से हो।
इस प्रकार का संवाद सीआरपीएफ के जवानों और अधिकारियों के मनोबल को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और संगठन के भीतर सामंजस्य और विश्वास को मजबूत करेगा।