19 Bn SSB Thakurganj, Civic Action Program, Poultry Farming Training.
सशस्त्र सीमा बल की 19वीं बटालियन, ठाकुरगंज, किशनगंज ने नागरिक कल्याण कार्यक्रम के तहत “मुर्गी पालन” का एक सप्ताह का व्यावसायिक प्रशिक्षण आयोजित किया। 3 जनवरी 2024 को, द्वितीय कमान अधिकारी, श्री अनूप रोबा कछप, के मार्गदर्शन में 19वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, ठाकुरगंज ने सीमावर्ती क्षेत्रों से आए 50 किसानों के लिए “मुर्गी पालन” का व्यावसायिक प्रशिक्षण का उद्घाटन समवाय मुख्यालय, पठामारी में किया। इस कार्यक्रम की शुरुआत की 19वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, ठाकुरगंज के उप कमान्डेंट, श्री रविकांत द्विवेदी ने की। उन्होंने आगे आए सभी किसानों का हार्दिक स्वागत किया और उन्हें समझाया कि इस “मुर्गी पालन” प्रशिक्षण को ध्यान से करें ताकि वे स्वावलंबी बन सकें। साथ ही, आर एस मैनेजमेंट के व्यवस्थापक, श्री विजय सोनार, का भी स्वागत किया गया। उन्होंने सभी किसानों को सीमा के महत्त्व के बारे में जागरूक किया, बताया कि हमारे जवान सीमा की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
इन सभी कार्यों के अलावा, वाहिनी सीमावर्ती क्षेत्रों में समय-समय पर नागरिक कल्याण कार्यक्रमों का आयोजन करती है। इनमें मानव चिकित्सा शिविर, पशु चिकित्सा शिविर, कंप्यूटर ट्रेनिंग, किसानों के लिए कृषि उपकरण वितरण, स्कूली बच्चों के लिए फर्नीचर वितरण जैसे कई कार्यक्रम शामिल हैं। इन पहलों का उद्देश्य सीमावासी जनता के समृद्धि और विकास की समर्थन करना है।
आयोजकों की उम्मीद है कि इस व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से लोग स्वावलंबी बनेंगे, अपने परिवार का ख्याल रख सकेंगे। समापन में, उन्होंने सभी भाग लेने वाले किसानों को शुभकामनाएं दी।
इसके बाद, सहायक कमांडेंट, श्री सुनील कुमार, ने सभी को साइबर जागरूकता के बारे में जागरूक किया। उन्होंने वितीय लेनदेन की गोपनीयता का महत्त्व बताया और OTP और ATM PIN साझा न करने की सलाह दी। वह बताया कि यदि वितीय धोखाधड़ी होती है तो शिकायत के लिए नंबर 1930 पर कॉल किया जा सकता है।
सम्मेलन में निरीक्षक भरत कुमार, उप निरीक्षक दिनकर कुमार मिश्रा और अन्य बलकर्मी भी उपस्थित थे। सम्मेलन ने सीमावासी समुदाय के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान को साकार किया और सभी उपस्थित लोगों को संबोधित किया।
इस प्रशिक्षण के माध्यम से सीमा क्षेत्रों में नई ऊर्जा और जोश की स्थापना की गई है। यह साबित हुआ है कि सीमावासी क्षेत्रों में इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन समुदाय के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यहां तक कि वहाँ के किसानों और नागरिकों को नई और आधुनिक तकनीकों और व्यावसायिक अवसरों की दिशा में एक नई राह मिली है।
इस समारोह ने सीमा के निकट निवासी लोगों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त करने का एक बड़ा कदम साबित किया है। ऐसे ही अग्रसर व क्रियाशील पहलुओं को समय-समय पर आयोजित कर रहे सशस्त्र सीमा बल के प्रयासों की सराहना की जाती है।
यह प्रशिक्षण उन सभी किसानों को नई उम्मीद और नई पहचान देने वाला है जो सीमा के करीब रहकर भी विकास की दिशा में पीछे रह गए थे। इस तरह के प्रोग्राम न केवल उन्हें समृद्धि और स्वावलंबी बनाने में मदद करते हैं, बल्कि नये सपनों और नयी राहों का भी संकेत देते हैं।
इस प्रकार, सशस्त्र सीमा बल के प्रयासों और कोशिशों ने सीमावासी क्षेत्रों में नये संभावनाओं का दरवाजा खोला है, जो सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत विकास में महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं।
केवल व्यावसायिक प्रशिक्षण ही नहीं, बल्कि साइबर सुरक्षा तकनीकों की जागरूकता भी इस समारोह में उच्च स्थान रखती है। साइबर जागरूकता के माध्यम से लोगों को वितीय लेन-देन की सुरक्षा बनाए रखने की जरूरत बताई गई और यह सुनिश्चित किया गया कि उनकी वितीय जानकारी गोपनीय रहे।
इस उद्घाटन कार्यक्रम में निरीक्षक भरत कुमार, उप निरीक्षक, दिनकर कुमार मिश्रा और अन्य बलकर्मी भी मौजूद थे। यह उत्सव बड़े उत्साह और जोश के साथ संपन्न हुआ और सभी प्रतिभागियों को बेहद प्रेरित करने वाला रहा।
सीमा क्षेत्रों में नागरिक कल्याण कार्यक्रमों के आयोजन से वाहिनी ने समाज के विकास और सुधार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को साबित किया है। यह कदम सीमावासी लोगों को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल है।
आयोजकों का आभास है कि इस तरह की पहल से लोगों में स्वावलंबन और सक्रियता की भावना विकसित होगी, जिससे उनका समृद्धिशील भविष्य निर्मित हो सके।