17 जनवरी 2024 को, उच्च मुख्यालय के मार्गदर्शन में, 12वीं बटालियन सशस्त्र सीमा बल, किशनगंज में एक 4-दिन का मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण (17 जनवरी 2024 से 20 जनवरी 2024) का आयोजन किया गया है। इस प्रशिक्षण शिविर का प्रशासन श्री चौबा अंगोमचा, उप कमांडेंट (प्रभारी कमांडेंट) के निर्देशन में किया जा रहा है।
मधुमक्खी पालन का यह प्रशिक्षण शिविर सशस्त्र सीमा बल के एक नए दिन की शुरुआत है, जिससे किसानों और कृषि उत्पादकों को नई उम्मीदें और सशस्त्र सीमा बल के सदस्यों को नया कौशल प्राप्त होंगा। यह प्रशिक्षण शिविर न केवल विकसित होने वाले क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय समुदायों को भी आर्थिक स्वायत्तता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मधुमक्खी पालन एक ऐसा क्षेत्र है जो किसानों को नए और सुस्त साधनों की प्रदान करके उन्हें समृद्धि की ओर पहुंचा सकता है। इसके अलावा, यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि मधुमक्खी का शहद एक स्वस्थ और प्राकृतिक उपचार के रूप में भी प्रयुक्त होता है।
इस प्रशिक्षण शिविर में किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए विशेषज्ञता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। विभिन्न आधारित विषयों पर प्रशिक्षण के माध्यम से, समर्थन मिलेगा जो उन्हें उच्च उत्पादकता और गुणवत्ता वाले मधुमक्खी उत्पादों का निर्माण करने में मदद करेगा।
इस प्रशिक्षण के माध्यम से, भारतीय कृषि सेक्टर में वृद्धि होने की संभावना है और स्थानीय समुदायों को भी एक नई आय का स्रोत प्राप्त होगा। इससे स्थानीय किसानों को नए और विविध उत्पादों के लिए बाजार में पहुंचने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
सशस्त्र सीमा बल के इस प्रमुख पहल के माध्यम से, भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि की मौद्रिक आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए एक और कदम उठाया है। इससे कृषि उत्पादकों को समर्थन मिलेगा और स्थानीय समुदायों को भी आर्थिक विकास का लाभ होगा।
समाप्त करते समय, हम इस प्रशिक्षण शिविर को एक नई शुरुआत के रूप में स्वागत करते हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि की स्थिति में सुधार हो, और एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य की दिशा में एक नई किरण हो।
इस खास प्रशिक्षण शिविर को एक महत्वपूर्ण कदम मानकर, हम सभी को इस प्रयास में समर्थन देने के लिए एक साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है, ताकि हम साथ मिलकर एक बेहतर और सहारा भरा भविष्य बना सकें।