SSB’s Heroic Dog ‘Jigar’ Passes Away, Laid to Rest with Full Honours
19वीं वाहिनी SSB ठाकुरगंज के श्वान ‘जिगर’ का निधन, सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार संपन्न
ठाकुरगंज, 21 अगस्त 2024: सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 19वीं वाहिनी ठाकुरगंज में तैनात डॉग स्क्वाड के वीर श्वान संख्या 373, जिसे ‘जिगर’ के नाम से जाना जाता था, का निधन आज दुखद रूप से हो गया। जिगर के निधन से न केवल डॉग स्क्वाड बल्कि पूरे वाहिनी में शोक की लहर दौड़ गई है।
आज सुबह लगभग 11 बजे जिगर को अचानक तेज बुखार और उल्टी की शिकायत हुई। यह गंभीर स्थिति देखते हुए तत्काल पशु चिकित्सा अधिकारी, सीमांत मुख्यालय सिलीगुड़ी से संपर्क किया गया, और वाहिनी परिसर में ही इलाज का प्रयास किया गया। इसके बावजूद, जिगर की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। स्थिति गंभीर होने पर पशु चिकित्सा अधिकारी के निर्देशानुसार, जिगर को सिलीगुड़ी के पॉली क्लिनिक अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया गया।
हालांकि, दुर्भाग्य से इलाज के दौरान समय लगभग 1:50 बजे जिगर ने दम तोड़ दिया। इस घटना ने पूरे SSB परिवार को गहरे शोक में डाल दिया है।
इस बारे में 19वीं वाहिनी के कमांडेंट स्वर्ण जीत शर्मा ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “खेदपूर्वक यह अवगत कराना चाहता हूं कि 19वीं वाहिनी ठाकुरगंज में पदस्थापित श्वान सं. 373 (जिगर) को आज दिनांक 21/08/2024 समय लगभग 1100 बजे अचानक तेज बुखार एवं उल्टी की शिकायत हुई, जिसके बाद पशु चिकित्सा अधिकारी, सीमांत मुख्यालय सिलीगुड़ी से संपर्क कर उक्त श्वान के इलाज का प्रयास वाहिनी में किया गया, लेकिन श्वान के स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर पशु चिकित्सा अधिकारी, सीमांत मुख्यालय सिलीगुड़ी के निर्देशानुसार श्वान जिगर को पॉली क्लिनिक अस्पताल, सिलीगुड़ी इलाज के लिए ले जाया जा रहा था, उस दौरान समय लगभग 1350 बजे श्वान जिगर शहीद हो गया।”
श्वान जिगर के निधन पर 19वीं वाहिनी के कैंपस में भावुक माहौल में शोक सभा का आयोजन किया गया, जहां उसके सम्मान में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। जवानों और अधिकारियों की उपस्थिति में जिगर के लिए एक विशेष अंतिम संस्कार समारोह आयोजित किया गया। जिगर को पूरे सम्मान के साथ विदाई दी गई, और उसके अद्वितीय सेवा के लिए उसे सलामी दी गई।
जिगर, जो अपने बहादुरी भरे कार्यों और वफादारी के लिए जाना जाता था, कई महत्वपूर्ण अभियानों का हिस्सा रहा। उसकी सेवा और समर्पण हमेशा वाहिनी के इतिहास में अमिट रहेंगे। उसकी यादें और उसकी भूमिका को सम्मान के साथ याद रखा जाएगा।
श्वान जिगर के निधन से वाहिनी के सभी सदस्यों की आंखें नम थीं, और डॉग स्क्वाड में एक खालीपन महसूस हो रहा था। उसकी बहादुरी और निष्ठा को श्रद्धांजलि देते हुए, जिगर को सम्मानपूर्वक दफनाया गया।
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