SSB Celebrates 61st Raising Day: Amit Shah Lauds Role in Border Security and Anti-Naxal Operations
जवान टाइम्स, सिलीगुड़ी: (20 दिसम्बर, 2024): भारत-नेपाल तथा भारत-भूटान सीमा के प्रहरी, सशस्त्र सीमा बल (सशस्त्र सीमा बल) ने अपने 61वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में रानीडंगा, सिलिगुड़ी (पश्चिम बंगाल) में एक गरिमामय और भव्य परेड का आयोजन किया। माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और परेड की सलामी ली। इस अवसर पर माननीय गृह मंत्री ने सभी बलकर्मियों और उनके परिवारजनों को शुभकामनाएँ देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि महोदय द्वारा सशस्त्र सीमा बल के बलिदानियों को शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी तत्पश्चात तीस्ता स्टेडियम में परेड द्वारा महोदय का जनरल सैल्युट से सम्मान किया गया। 61वें वर्षगाँठ दिवस पर सशस्त्र सीमा बल के छह सीमांत मुख्यालयों के प्रतिनिधित्व वाली अनुशासित टुकड़ियों ने शानदार मार्च पास्ट किया। इस परेड मे 12 अधिकारी 16 अधीनस्थ अधिकारी एवं 514 जवानों सहित कुल 542 बलकर्मियों ने भाग लिया। विशेष प्रचालन दस्ते औऱ श्वान दस्ते की भागीदारी ने कार्यक्रम को और भी आकर्षक बनाया। सभी टुकड़ियों ने सझी-धजी पोश़ाक में कवायत करते हुए अनुशासन, कौशल और राष्ट्रभक्ति का परिचय दिया।
अपने संबोधन में बल के ऐतिहासिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए, सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक श्री अमृत मोहन प्रसाद ने सशस्त्र सीमा बल की यात्रा का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि सशस्त्र सीमा बल भारत-नेपाल तथा भारत-भूटान की खुली सीमाओं की सुरक्षा के साथ ही छत्तीसगढ़, झारखंड एवं जम्मू और कश्मीर में नक्सलवाद तथा आतंकवाद को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बल में शामिल पुरुषों और महिला कर्मियों द्वारा 423 संद्धिग्ध प्रतिष्ठानों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
उन्होंने बताया कि कॉम्बैट रोल में महिलाओं की भर्ती करने वालाभारत का प्रथम सीमा रक्षक बल है। महिला बलकर्मी यूएन मिशन सेलेकर जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ जी यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्थाकी संवेदनशील ड्यूटी पुरुषों के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर कर रहीहैं और बल के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
उन्होंने बताया कि एसएसबी ने बल की कार्यदक्षता को औरअधिक गतिशीलता प्रदान करने के लिए 67.29 करोड़ से ज्यादा मूल्यके 357 Operational Vehicles की खरीद की गई। पिछले एक वर्षमें आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत बल को आधुनिक बनाने हेतुविभिन्न प्रकार के यंत्र एवं उपकरण खरीदे गए, जिसमें Unmanned Aerial Vehicle, X-Ray Baggage Scanner System, आदिशामिल हैं।
महानिदेशक सशस्त्र सीमा बल ने प्रचालन, राहत एवं बचाव कार्य, क्रीड़ा क्षेत्र, साहसिक कार्य, नागरिक कल्याण, पड़ोसी देशों के साथ द्विपक्षीय सहयोग जैसे अन्य क्षेत्रों में बल की विभिन्न संरचनाओं और संस्थानों की उपलब्धियों के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीमा पार से होने वाली तस्करी एवं अपराधों को रोकने में हमें काफीहद तक सफलता प्राप्त हुई है। इस वर्ष कुल 4033 गिरफ्तारियों के साथ 15,843 किलो मादक पदार्थ की जब्ती की गई है तथा 2,985 एकड़ क्षेत्र में फैली गांजे की खेती को नष्ट किया गया है।
इसकेअतिरिक्त भारी मात्रा में जाली मुद्रा, वन्य जीव एवं उत्पाद, सोना-चाँदीतथा हथियार इत्यादि पकड़े गए हैं। मानव तस्करी को रोकने के लियेबल के द्वारा किये गए प्रयास भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। बल के द्वारा इस वर्ष 183 से अधिक मानव तस्करों को गिरफ्तार कर, 301 पिड़ीतों कोमुक्त कराया गया है। साथ ही गैरकानूनी रूप से भारत में प्रवेश करने वाले तीसरे देश के 27 नागरिकों को भी पकड़ा गया है।
इस अवसर पर आयोजित अलंकरण समारोह में मुख्य अतिथि, माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट कार्यों के लिए, बल कर्मियों को 15 वीरता पदक, 04 राष्ट्रपति पुलिस पदक और 11 विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त सीमा सुरक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाली वाहिनियों को ट्रॉफी प्रदान की गई जिनका विवरण इस प्रकार है:-
1. नक्सल प्रभावित एवं विशेष प्रचालन क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन- 16वीं बटालियन
2. भारत-नेपाल सीमा पर सर्वश्रेष्ठ बटालियन- 41वीं बटालियन
3. भारत-भूटान सीमा पर सर्वश्रेष्ठ बटालियन- 53वीं बटालियन
4. भारत-नेपाल सीमा पर सर्वश्रेष्ठ सीमा चौकी- सीमा चौकी पानीटंकी
5. भारत-भूटान सीमा पर सर्वश्रेष्ठ सीमा चौकी- सीमा चौकी जयगाँव
समारोह के दौरान 126 करोड़ की लागत से नवनिर्मित आवासीय औऱ प्रशासनिक भवनों का ई-लोकार्पण एवं 150 करोड़ की लागत से बनाये जाने वाली परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। इन भवनों में क्वार्टर गार्ड, अधिकारी मैस, जवान बैरक, अस्पताल औऱ फैमिली क्वार्टर इत्यादि शामिल है।
मुख्य अतिथि श्री अमित शाह ने अपने संबोधन में राष्ट्र सुरक्षा के प्रति बल के योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल और भारत-भूटान की खुली सीमाओं की सुरक्षा और सीमान्त अपराधों की रोकथाम में सशस्त्र सीमा बल की भूमिका अद्वितीय है। उन्होंने बल को मादक पदार्थ, अवैध हथियार, वन्य जीव तस्करी, मानव तस्करी और नकली मुद्रा के खिलाफ अभियानों में सफलता के लिए सराहा।
साथ ही उन्होंने बताया कि भारत के सीमांत गाँवों की संस्कृति, भाषा और समृद्ध विरासत को देश की मुख्यधारा से जोड़ने का अद्वितीय कार्य सशस्त्र सीमा बल ने अपनी पहली भूमिका में किया था और अब सीमा सुरक्षा की भूमिका में “सेवा सुरक्षा और बंधुत्व” के नारे को अपने कर्तव्यों से चरितार्थ किया है। राष्ट्र की सेवा, भक्ति व राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ सशस्त्र सीमा बल ने नेपाल और भूटान की लंबी सीमा पर पूरी सतर्कता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाई है। इसके साथ सीमा पर 1100 से अधिक स्थानों पर भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया है वह भी बिना किसी विवाद के। उन्होंने बल द्वारा प्रचालन के क्षेत्र में प्राप्त की गयी उपलब्धियों की भी प्रशंसा की।
उन्होंने बतया कि अपने स्थापना से अब तक सशस्त्र सीमा बल ने 4 पद्मश्री, 1 कीर्ति चक्र, 6 शौर्य चक्र, 2 राष्ट्रपति वीरता पदक, 25 पुलिस वीरता पदक और 35 वीरता पदक प्राप्त किए हैं, ये सभी राष्ट्रीय स्तर के सम्मान बताते है कि, सशस्त्र सीमा बल के जवान कर्तव्य निर्वहन के लिए कितने दृढ़ निश्चयी हैं। सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने कठिन से कठिन सीमा चौकियों पर मुस्तैदी के साथ चौकस रहकर पूरे भारत को सुरक्षा और शांति का विश्वास दिलाया है।
इसके अतिरिक्त उन्होंने पूर्वी क्षेत्र में नक्सलमुक्त अभियान में सशस्त्र सीमा बल के जवानों के द्वारा निभाई जा रही भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आज बिहार और झारखंड जैसे राज्य नक्सलमुक्त हो चुके हैं, यह सशस्त्र सीमा बल के जवानों की कठोर मेहनत और समर्पण का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि हर आपदा के समय, सशस्त्र सीमा बल ने तत्परता से राहत कार्यों में भाग लिया और लोगों की मदद की। बाढ़ हो या भूस्खलन, इन जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना संकटग्रस्त इलाकों में राहत कार्यों को अंजाम दिया। उनकी निस्वार्थ सेवा और संकल्प ने लाखों लोगों की जिंदगी बचाई है।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों के कल्याण के लिए 41 लाख आयुष्मान कार्ड, 13,000 घर, 113 बैरक और ई-आवास पोर्टल बना, उसके माध्यम से लाखों आवासों का आवंटन किया।
नेपाल और भूटान के साथ भारत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। इन संबंधों को कायम रखते हुए सशस्त्र सीमा बलजिस प्रकार से सीमाओं की सुरक्षा व प्रबंधन कर रहा है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है। दोनों देशों की सीमाओं पर दोनों ही देशों के नागरिकों के लिए निर्बाध आवागमन का प्रावधान है। यद्यपि खुली सीमाओं से अनाधिकृत प्रवेश करने वाले व्यक्तियों की पहचान करना चुनौतीपूर्ण कार्य है, तथापि सशस्त्र सीमा बल ने विगत कुछ वर्षों में तीसरे देश के नागरिकों के द्वारा अवैध आवागमन पर प्रभावी नियंत्रण प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि बल ने 183 मानव तस्करों से 301 बच्चियों को मुक्त करवाकर बल ने नारी के गौरव को संरक्षित करने में बड़ी भूमिका निभाई है।
उन्होंने बल की खेल उपलब्धियों और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंच पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की भी प्रशंसा की। इसके अतिरिक्त भारत सरकार की विभिन्न परियोजनाओं को सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुँचाने हेतु एसएसबी द्वारा किये गये कार्यों की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि बल द्वारा वर्ष 2019 से लेकर वर्तमान समय तक 6 करोड़ से अधिक वृक्षरोपण कर हरित भारत के निर्माण तथा पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कार्यक्रम के अंत में, बल के महिला एवं पुरुष जवानों द्वारा प्रस्तुत नृत्य संगीत, योग प्रदर्शन, मलखंभ, वुशु, टोटो नृत्य, महिला बैंड शो ने उपस्थित दर्शकों को मंत्र-मुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर विभिन्न पुलिस बलों के महानिदेशक, नेपाल एपीएफ और भूटान रॉयल आर्मी के वरिष्ठ अधिकारी, स्थानिय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित सशस्त्र सीमा बल के सेवानिवृत्त अधिकारी, शहिदों के परिवारजन और अन्य विशिष्ठ अतिथि उपस्थित थे।
स्रोत: SSB
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