SSB Captures Most Wanted Naxalite with ₹3 Lakh Bounty
तीन लाख का इनामी नक्सली राजेंद्र सिंह एसएसबी की गिरफ्त में
औरंगाबाद, बिहार – शुक्रवार को सशस्त्र सीमा बल (SSB) के लिए एक बड़ी सफलता के रूप में तीन लाख के इनामी नक्सली राजेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 29वीं वाहिनी गया और औरंगाबाद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इस कुख्यात नक्सली को धर दबोचा गया।
राजेंद्र सिंह, जो बिहार और झारखंड में दो दर्जन से अधिक संगीन आपराधिक मामलों में वांछित था, पिछले कई वर्षों से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। इस पर बिहार और झारखंड में कई खौफनाक वारदातों को अंजाम देने के आरोप हैं, जिनमें मुठभेड़, हत्या और अपहरण जैसी गंभीर घटनाएं शामिल हैं।
ऑपरेशन की सफलता
इस ऑपरेशन का नेतृत्व एसएसबी 29वीं वाहिनी एसएसबी के कमांडेंट एचके गुप्ता ने किया। उन्होंने बताया कि नक्सली राजेंद्र सिंह को पकड़ने के लिए कई वर्षों से विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन हर बार वह सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर फरार हो जाता था।
गुप्त सूचना के आधार पर एसएसबी और औरंगाबाद पुलिस ने एक सुनियोजित रणनीति के तहत इस सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया। नक्सली को औरंगाबाद जिले के बेलाखैरा गांव से गिरफ्तार किया गया। इस ऑपरेशन में उसके सहयोगी विजय पासवान को भी पकड़ा गया। इनके पास से दो देसी कट्टा, 13 कारतूस, मोबाइल सिम कार्ड और एक मोबाइल बैटरी बरामद की गई।
नक्सल गतिविधियों पर लगाम
राजेंद्र सिंह की गिरफ्तारी से बिहार और झारखंड में नक्सल गतिविधियों पर लगाम लगाने की उम्मीद की जा रही है। यह गिरफ्तारी नक्सल विरोधी अभियान में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि राजेंद्र सिंह की गिरफ्तारी से नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगेगा और इससे इन इलाकों में नक्सली गतिविधियों में कमी आएगी।
गिरफ्तार किए गए नक्सलियों को आगे की कार्रवाई के लिए औरंगाबाद जिले के माली थाने को सौंप दिया गया है।
सुरक्षा बलों की सराहना
इस ऑपरेशन में शामिल एसएसबी और औरंगाबाद पुलिस के जवानों की सराहना की जा रही है। उनके कुशल नेतृत्व और बहादुरी ने इस चुनौतीपूर्ण मिशन को सफलता तक पहुंचाया।
राज्य सरकार ने भी इस गिरफ्तारी पर संतोष व्यक्त करते हुए सुरक्षा बलों के प्रयासों की प्रशंसा की है। इस तरह के ऑपरेशन नक्सलवाद के खिलाफ सरकार के सख्त रुख को दर्शाते हैं और आम जनता में सुरक्षा का विश्वास बहाल करते हैं।
नक्सली राजेंद्र सिंह की गिरफ्तारी से यह साबित होता है कि सुरक्षा बल और सरकार मिलकर नक्सलवाद के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा खड़ा कर रहे हैं और उन्हें इसमें सफलता भी मिल रही है।
यह सफलता अन्य वांछित नक्सलियों के लिए भी एक चेतावनी है कि कानून से भागना आसान नहीं होगा और आखिरकार वे भी कानून के शिकंजे में आ ही जाएंगे।
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