Cyber fraud of Rs 29.94 lakh from Ranchi’s NRI woman: Police arrested the fraudster from Delhi
जवान टाइम्स, रांची: झारखंड की राजधानी रांची में साइबर अपराध थाने की पुलिस ने एनआरआई महिला से 29 लाख 94 हजार रुपये की साइबर ठगी के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी का नाम रवि शंकर द्विवेदी उर्फ राजू है, जो दिल्ली के छावला थाना क्षेत्र के श्याम विहार, फेज नंबर एक के ई. एक्सटेंशन ब्लॉक का निवासी है।
पुलिस ने आरोपी के पास से ठगी में उपयोग किए गए सिमकार्ड, कॉरपोरेट इंटरनेट बैंकिंग के क्रेडेंशियल्स और साइबर ठगी से संबंधित वॉट्सऐप चैट बरामद की है। त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने ठगी की राशि में से नौ लाख 36 हजार रुपये फ्रीज करवा दिए हैं।
साइबर ठगी का खुलासा
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब रांची के डोरंडा की निवासी एनआरआई महिला ने नौ मार्च 2024 को साइबर अपराध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। महिला ने बताया कि वह लंदन में रहती है और कुछ दिनों के लिए रांची आई थी। साइबर अपराधियों ने उससे वॉट्सऐप के माध्यम से संपर्क किया और इंस्टाग्राम पर वीडियो लाइक कर स्क्रीनशॉट भेजने का पार्ट टाइम जॉब ऑफर किया।
महिला को कुछ टास्क के लिए भुगतान किया गया, जिससे वह उनके जाल में फंस गई। इसके बाद उसे टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क कर हायर रेटिंग के टास्क दिए गए। उसे विभिन्न बैंक खातों में पैसे डालने के लिए कहा गया, और बाद में एक वेबसाइट पर अकाउंट बनाने के लिए कहा गया, जहां निवेश का मुनाफा दिखाई देता था। लेकिन वह मुनाफा वह कभी प्राप्त नहीं कर पाई और इस प्रकार उससे 29 लाख 94 हजार 50 रुपये की साइबर ठगी कर ली गई।
पुलिस की कार्रवाई
साइबर अपराध पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद मामले की जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि जिस वेबसाइट पर पीड़िता से अकाउंट बनवाया गया था, उसका आईपी एड्रेस एम्सटर्डम, नीदरलैंड, सिंगापुर, चीन और टोक्यो जापान का था।
फाइनेंसियल ट्रेल विश्लेषण में फर्जी कंपनी के नाम से पंजीकृत बैंक खाते दिल्ली, गुजरात और मध्य प्रदेश में पाए गए। इनमें करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन किए गए थे। जांच में इन बैंक खातों से हुए ट्रांजेक्शन के आईपी यूजर का मूल स्थान हांगकांग और चीन में पाया गया।
बड़े नेटवर्क का हिस्सा
पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी रवि शंकर द्विवेदी एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधी गिरोह का हिस्सा है, जो चीन में सक्रिय है। यह गिरोह भारत में साइबर अपराधियों के माध्यम से अलग-अलग बैंकों के कारपोरेट इंटरनेट बैंकिंग खातों का उपयोग कर इंवेस्टमेंट स्कैम को अंजाम देता है।
पुलिस ने आरोपी के पास से सात अलग-अलग बैंक खातों के कॉरपोरेट इंटरनेट बैंकिंग क्रेडेंशियल्स सहित कई आपत्तिजनक सबूत जब्त किए हैं।
ठगी के ट्रांजेक्शनों का विश्लेषण
इस मामले में पुलिस ने पाया कि एक साईं ट्रेडिंग कंपनी के नाम पर बने इंडसइंड बैंक खाते में सिर्फ एक दिन में 698 ट्रांजेक्शन के माध्यम से कुल दो करोड़ 46 लाख 35 हजार 477 रुपये का फर्जी ट्रांजेक्शन हुआ है। इस खाते के विरुद्ध नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, असम और आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में कुल 78 शिकायतें दर्ज हैं।
इस प्रकार की घटनाएं साइबर सुरक्षा के महत्व को दर्शाती हैं और लोगों को अपने ऑनलाइन लेन-देन में सतर्क रहने की जरूरत है। पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध लिंक या जॉब ऑफर से सावधान रहें और किसी भी साइबर अपराध की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।