CRPF to Replace Assam Rifles in Manipur: Forces Express Concern | असम राइफल्स की जगह मणिपुर में CRPF की तैनाती: असहमति के पीछे की कहानी

CRPF to Replace Assam Rifles in Manipur: Forces Express Concern

CRPF to Replace Assam Rifles in Manipur: Forces Express Concern

असम राइफल्स की जगह मणिपुर में CRPF की तैनाती: असहमति के पीछे की कहानी

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने मणिपुर से असम राइफल्स की दो बटालियन हटाकर जम्मू-कश्मीर भेजने और उनकी जगह पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की तैनाती का बड़ा फैसला लिया है। इस कदम ने सुरक्षा बलों और मणिपुर के राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है, क्योंकि असम राइफल्स ने इस बदलाव पर अपनी असहमति जताई थी।

सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला अचानक नहीं लिया गया। इसे लेकर मंत्रालय और असम राइफल्स के बीच काफी समय से चर्चा चल रही थी। असम राइफल्स ने जोर देकर कहा था कि मणिपुर की वर्तमान स्थिति को देखते हुए वहां उनकी मौजूदगी बेहद जरूरी है। मणिपुर में असम राइफल्स के जवानों की तैनाती में कमी का मतलब है कि वहां की सुरक्षा स्थिति पर दबाव बढ़ सकता है।

असम राइफल्स की बटालियन का स्थानांतरण

मंत्रालय के आदेश के अनुसार, मणिपुर के चूराचांदपुर के कन्गवाई और केपीआई के कामचुक से असम राइफल्स की दो बटालियन हटाकर जम्मू-कश्मीर भेजी जाएंगी। हालांकि, इस फैसले पर कई सीनियर अधिकारियों ने चिंता जताई है। उनका मानना है कि सीधे जम्मू-कश्मीर भेजने के बजाय, इन बटालियन को पहले अरुणाचल प्रदेश स्थानांतरित किया जाना चाहिए, जिससे उनकी मनोस्थिति बेहतर बनी रहे। अधिकारियों का कहना है कि इस वक्त फोर्स का मनोबल बनाए रखना बेहद जरूरी है, और अचानक स्थानांतरण से जवानों को ऐसा महसूस हो सकता है कि उन्हें सजा के रूप में हटाया जा रहा है।

कुकी समुदाय और मैतई संगठन की प्रतिक्रियाएं

असम राइफल्स की तैनाती पर हो रहे इस बदलाव ने मणिपुर के स्थानीय राजनीतिक और सामाजिक संगठनों को भी प्रतिक्रिया देने पर मजबूर कर दिया है। कुकी समुदाय के संगठनों और विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि जातीय हिंसा से ग्रस्त मणिपुर में असम राइफल्स की जगह सीआरपीएफ को ना तैनात किया जाए। उनका मानना है कि असम राइफल्स ने अब तक संवेदनशील क्षेत्रों में शांति बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है।

दूसरी ओर, मैतई संगठन COCOMI ने असम राइफल्स पर कुकी समुदाय का पक्ष लेने के आरोप लगाए हैं और उनकी जगह पर सीआरपीएफ और बीएसएफ की तैनाती की मांग की है। यह स्थिति दर्शाती है कि मणिपुर में सुरक्षा बलों की तैनाती न केवल सुरक्षा का मामला है, बल्कि इसका गहरा सामाजिक और राजनीतिक असर भी है।

क्या आगे का रास्ता?

मणिपुर की सुरक्षा स्थिति और असम राइफल्स की जगह CRPF की तैनाती के इस फैसले ने सुरक्षा विशेषज्ञों और स्थानीय नेताओं के बीच एक नई बहस छेड़ दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बदलाव के बाद मणिपुर की सुरक्षा स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ता है और केंद्र सरकार इस पर किस तरह से प्रतिक्रिया देती है।


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जवान टाइम्स

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