CRPF Jawan Dharmendra’s Last Rites Held with State Honors
सीआरपीएफ जवान धर्मेंद्र का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
चरखी दादरी: जम्मू-कश्मीर की दुर्गम पहाड़ियों में देश की सेवा करते हुए शहीद हुए सीआरपीएफ हवलदार धर्मेंद्र का शनिवार को उनके पैतृक गांव बिंद्रावन में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पूरे गांव में शोक की लहर थी, जब 13 वर्षीय पुत्र हैप्पी ने भारी मन से अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी।
धर्मेंद्र का सपना था देश की सुरक्षा करना और उन्होंने वर्ष 2000 में सीआरपीएफ में शामिल होकर इसे पूरा किया। उनके पिता हरके राम ने गर्व से बताया कि धर्मेंद्र हमेशा से ही देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत थे। उनकी प्रेरणा से ही उनका छोटा भाई सुरेंद्र भी आर्मी में हवलदार के पद पर तैनात है।
धर्मेंद्र की अंतिम यात्रा में पूरा गांव उमड़ पड़ा था। सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर सतबीर सिंह और सब इंस्पेक्टर बलबीर के नेतृत्व में जवानों ने हवा में गोलियां चलाकर दिवंगत जवान को अंतिम सलामी दी। बाढड़ा पुलिस थाना प्रभारी के साथ-साथ नफे सिंह फौजी, चेयरमैन मंदीप डालावास और पार्षद सुनील भी वहां मौजूद थे। उन्होंने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और धर्मेंद्र को याद किया।
धर्मेंद्र जम्मू के थनी में 76 सीआरपीएफ बटालियन में तैनात थे। 31 जुलाई को ड्यूटी के दौरान हुए हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनका सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा था, लेकिन 2 अगस्त को उन्होंने अंतिम सांस ली। 3 अगस्त को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
यह अंत्येष्टि सिर्फ एक शहीद जवान का विदाई नहीं थी, बल्कि देश के लिए उनकी अटूट निष्ठा और समर्पण का प्रतीक भी थी। धर्मेंद्र के परिवार ने उनके बलिदान को गर्व के साथ स्वीकार किया, लेकिन उनकी अनुपस्थिति ने पूरे गांव को गहरे शोक में डाल दिया।
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