Anil Sharma: CRPF’s brave player won gold and silver medals in All India Police Judo Cluster | अनिल शर्मा: सीआरपीएफ के जांबाज खिलाड़ी ने ऑल इंडिया पुलिस जूडो क्लस्टर में जीते स्वर्ण और रजत पदक

Anil Sharma: CRPF's brave player won gold and silver medals in All India Police Judo Cluster

Anil Sharma: CRPF’s brave player won gold and silver medals in All India Police Judo Cluster

अनिल शर्मा: सीआरपीएफ के जांबाज खिलाड़ी ने ऑल इंडिया पुलिस जूडो क्लस्टर में जीते स्वर्ण और रजत पदक

गुवाहाटी। बांसवाड़ा के खांदू कॉलोनी निवासी अनिल शर्मा ने असम पुलिस द्वारा आयोजित 9वीं ऑल इंडिया पुलिस जूडो क्लस्टर 2024 में सीआरपीएफ का प्रतिनिधित्व करते हुए एक स्वर्ण पदक और एक रजत पदक जीतकर पूरे देश का मान बढ़ाया है। यह प्रतियोगिता 24 जून से 30 जून तक गुवाहाटी में आयोजित की गई थी।

अनिल शर्मा ने व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक जीता। इस स्पर्धा में उन्होंने असम राइफल्स, आईटीबीपी, अरुणाचल पुलिस और तमिलनाडु पुलिस के प्रतिभागियों को हराया। हालांकि, फाइनल राउंड में उड़ीसा पुलिस से हारकर उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। वहीं, टीम काता स्पर्धा में अनिल शर्मा और उनके साथियों महेंद्र यादव, दिलीप कुमार और अजय ने ओडिशा पुलिस, आईटीबीपी, सीमा सुरक्षा बल और फाइनल राउंड में असम राइफल्स को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

अनिल शर्मा ने बताया कि ऑल इंडिया पुलिस प्रतियोगिता में देश के सभी राज्यों की पुलिस और छह पैरामिलिट्री फोर्सेज के खिलाड़ी भाग लेते हैं। इन प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक विजेताओं की टीम बनाकर वे वर्ल्ड पुलिस गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। अनिल का अगला लक्ष्य वर्ल्ड पुलिस गेम्स 2025 में स्वर्ण पदक जीतना है, जो बर्मिंघम, यूएसए में आयोजित होगा। उनका चयन इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के लिए हो चुका है।

अनिल ने बताया कि उनके पिता शिव शंकर शर्मा, जो मिल में कैंटीन ठेकेदार हैं, के कहने पर ही उन्होंने बचपन से कराटे सीखना शुरू किया था। कराटे के प्रति उनके समर्पण और मेहनत ने उन्हें आज इस मुकाम पर पहुंचाया है। उन्होंने कराटे को सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि अपने करियर के रूप में चुना है और इसमें बेहतरीन सफलता हासिल की है।

अनिल अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता सुमन देवी और शिव शंकर शर्मा, बड़े भाई प्रवीण शर्मा और पूरे परिवार को देते हैं। उन्होंने बताया कि उनका चयन 2011 में सीआरपीएफ में खेल कोटे में हुआ था और पिछले 14 सालों से वे सीआरपीएफ को एक खिलाड़ी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

अनिल की इस अद्वितीय उपलब्धि पर बांसवाड़ा और पूरे देश में गर्व की लहर दौड़ गई है। उनके संघर्ष, समर्पण और मेहनत ने यह साबित कर दिया है कि यदि इच्छा शक्ति और मेहनत हो, तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उनकी कहानी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत है और यह दिखाती है कि सही मार्गदर्शन और परिश्रम से किसी भी सपने को साकार किया जा सकता है।

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जवान टाइम्स

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