राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के तत्वावधान में 30वीं केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल वाद-विवाद प्रतियोगिता (सेमीफाइनल चरण) का शुभारंभ

लखनऊ, 29 अक्टूबर 2025: सीमांत मुख्यालय, सशस्त्र सीमा बल (SSB), लखनऊ द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के तत्वावधान में आयोजित 30वीं केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल वाद-विवाद प्रतियोगिता, 2025 (अंग्रेज़ी एवं हिन्दी) के सेमीफाइनल चरण (आल इंडिया) का उद्घाटन आज ऑडिट भवन, लखनऊ में गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हुआ। यह प्रतियोगिता 29 एवं 30 अक्टूबर 2025 को दो दिवसीय कार्यक्रम के रूप में आयोजित की जा रही है।

कार्यक्रम का शुभारंभ सीमांत मुख्यालय, सशस्त्र सीमा बल, लखनऊ के महानिरीक्षक श्री रत्न संजय, भा.पु.से. के स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएँ बल कर्मियों में मानवाधिकारों की समझ, अभिव्यक्ति कौशल तथा तर्कशक्ति के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ दीं और कहा कि इस प्रकार के आयोजन से बलों के बीच बौद्धिक आदान-प्रदान और सौहार्द की भावना को बल मिलता है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री एन. एन. उपाध्याय, आईएएस (सेवानिवृत्त) उपस्थित रहे। उन्होंने सेमीफाइनल चरण का उद्घाटन करते हुए सशस्त्र सीमा बल द्वारा इस आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह प्रतियोगिता केवल वाद-विवाद का मंच नहीं, बल्कि विचारों के आदान-प्रदान, आपसी सहयोग, बौद्धिक विकास और राष्ट्र निर्माण की भावना को सशक्त करने का एक उत्कृष्ट अवसर है।

इस प्रतियोगिता में विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों से कुल 64 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। इनमें –
असम राइफल्स से 16, बीएसएफ से 08, सीआईएसएफ से 26, सीआरपीएफ से 02, आईटीबीपी से 04, एनएसजी से 02, आरपीएफ से 08 तथा एसएसबी से 02 प्रतिभागी शामिल रहे।

निर्णायक मंडल में श्री एन. एन. उपाध्याय, आईएएस (सेवानिवृत्त), श्री प्रभोध कुमार, आईपीएस (सेवानिवृत्त) एवं प्रो. प्रीति मिश्रा, निदेशक, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ सम्मिलित रहे, जिन्होंने प्रतिभागियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया।

यह प्रतियोगिता केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के अधिकारियों एवं कर्मियों के बीच विचारों की अभिव्यक्ति, बौद्धिक समृद्धि और मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता को प्रोत्साहित करने वाला एक प्रेरणादायक मंच सिद्ध हो रही है।
इस आयोजन से बलों में नैतिक चेतना, अनुशासन तथा राष्ट्रीय एकता की भावना को और अधिक सुदृढ़ करने में सहायता मिल रही है।
🔹 रिपोर्ट: जवान टाइम्स
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