UP STF Busts Fake Digital Fraud Gang, 5 Arrested in Gurgaon
लखनऊ में एसटीएफ ने फर्जी डिजिटल फ्रॉड गिरोह का भंडाफोड़, 5 आरोपी गिरफ्तार
जवान टाइम्स, लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी डिजिटल फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह सीबीआई और नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी बनकर भोले-भाले लोगों से ठगी करता था। एसटीएफ ने इस गिरोह के 5 सदस्यों को हरियाणा के गुड़गांव में गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से कई फर्जी दस्तावेज, मोबाइल फोन और डिजिटल ठगी में इस्तेमाल किए गए उपकरण बरामद किए गए हैं।
गिरफ्तारी का विवरण
गिरफ्तारी 14 नवंबर 2024 को हुई। इस कार्रवाई को एसटीएफ लखनऊ की टीम ने अंजाम दिया। टीम को सूचना मिली थी कि यह गिरोह फर्जी पहचान पत्र और दस्तावेजों के जरिए बैंक खातों का उपयोग कर करोड़ों रुपये का लेन-देन कर रहा है। मुखबिर से मिली जानकारी के बाद टीम ने हरियाणा के गुड़गांव में स्थित होटल दा शान के पास इन अपराधियों को धर दबोचा।
गिरफ्तार आरोपी:
1. पंकज सुरेला (24 वर्ष, राजस्थान)
2. सागर सिंह (24 वर्ष, झारखंड)
3. सनी वर्मा (24 वर्ष, झारखंड)
4. अंशुल माहौर (22 वर्ष, झांसी, उत्तर प्रदेश)
5. सुरेंद्र सिंह (21 वर्ष, झांसी, उत्तर प्रदेश)
बरामदगी का विवरण
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के पास से बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और उपकरण बरामद किए गए हैं। इनमें शामिल हैं:
• 6 मोबाइल फोन
• 2 एटीएम कार्ड
• 1 आधार कार्ड
• 1 पैन कार्ड
• 1 रेलवे मेडिकल कार्ड
• 133 व्हाट्सएप अकाउंट की जानकारी
• ₹620 नकद
कैसे करते थे ठगी?
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि यह गिरोह बेहद संगठित तरीके से ठगी को अंजाम देता था। गिरोह के सदस्य खुद को सीबीआई या नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी बताकर लोगों को फोन करते थे। ये लोग फर्जी पहचान पत्र और डीओ (डिमांड ऑर्डर) दिखाकर पीड़ितों से बैंक खातों में पैसे जमा करवाने के लिए दबाव बनाते थे। इसके बाद वे इन पैसों को दूसरे खातों में ट्रांसफर कर कमीशन के नाम पर लाखों रुपये हड़प लेते थे।
गिरोह के मास्टरमाइंड डॉ. अशोक सोलंकी ने फर्जी दस्तावेजों और डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल कर करोड़ों रुपये के फर्जी बैंक खाते खोले थे। इन खातों में विदेश से भी ट्रांजेक्शन किए जाते थे। गिरोह ने अब तक करीब ₹48 लाख रुपये की ठगी की है।
तकनीकी जांच से खुलासा
पुलिस और तकनीकी विशेषज्ञों की जांच से पता चला कि गिरोह के सदस्य फर्जी पहचान पत्र, बैंक अकाउंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करते थे। ये लोग नकली व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर फर्जी संदेश भेजते थे और लोगों को ठगते थे।
एसटीएफ की कार्रवाई
एसटीएफ की टीम ने अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 142/24, 319(2), 318(2), 338, 336, 340, और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत मामला दर्ज किया है। अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके अन्य साथियों की जानकारी जुटाई जा रही है।
गिरोह की आय और नेटवर्क
एसटीएफ के मुताबिक, गिरोह ने अब तक ₹48 लाख रुपये से अधिक की अवैध कमाई की है। वे भारत और विदेशों में मौजूद फर्जी कंपनियों के साथ मिलकर काम करते थे। बैंक खातों के माध्यम से ट्रांजेक्शन कर ये लोग कमीशन के तौर पर 30% रकम खुद रख लेते थे।
आम जनता को सतर्कता की सलाह
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल या ईमेल पर अपनी बैंक डिटेल्स साझा न करें। फर्जी अधिकारियों से जुड़े किसी भी मामले की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
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