Punjab & Haryana HC Restores CRPF Officer’s Honor After 25 Years
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 25 साल बाद सीआरपीएफ अधिकारी का सम्मान बहाल किया
चंडीगढ़, 25 अगस्त – पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में 25 साल पहले जबरन सेवानिवृत्त किए गए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारी का सम्मान बहाल कर दिया है। यह मामला वर्ष 1999 से लंबित था, जब बलराज कोहली नामक अधिकारी को बिना किसी स्पष्ट कारण के सेवा से हटाया गया था।
जस्टिस आलोक जैन की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अधिकारी को नियमों का पालन किए बिना समयपूर्व सेवानिवृत्त किया गया था। उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट रूप से सत्ता का दुरुपयोग था, जिसमें संबंधित अधिकारी ने नियमों की अनदेखी की।” कोर्ट ने आदेश दिया कि उस अधिकारी से, जिसने बलराज कोहली को हटाने का आदेश दिया था, “भारी राशि” वसूल की जाएगी, ताकि जनता के पैसों का दुरुपयोग न हो।
कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता बलराज कोहली के निधन के बावजूद उनका सम्मान पुनः स्थापित किया जाता है और उन्हें “सम्मानपूर्वक सेवानिवृत्त” माना जाएगा। इसके अलावा, उन्हें उनके साथियों के प्रमोशन की तारीख से सभी लाभ और भत्ते दिए जाएंगे, जैसे कि वे सेवा में ही रहे हों। उनकी पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों का भी पुनर्गणना किया जाएगा, जिससे उनके परिवार को अतिरिक्त धनराशि मिल सके।
जस्टिस जैन ने इस मामले में अधिकारियों के रवैये की कड़ी आलोचना की और कहा, “अब वक्त आ गया है कि अदालतें ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं, जो अपनी निजी दुश्मनी के चलते सत्ता का दुरुपयोग करते हैं।” कोर्ट ने यह भी सिफारिश की कि करदाताओं के पैसों से दी जाने वाली राशि संबंधित अधिकारी से वसूल की जाए, ताकि जनता के पैसे की बर्बादी रोकी जा सके।
25 साल तक लंबित इस मामले का फैसला न केवल बलराज कोहली के परिवार के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि न्याय व्यवस्था के माध्यम से अन्याय का सामना किया जा सकता है, चाहे उसमें कितना भी समय लगे।
यह निर्णय एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है, जहां कोर्ट ने अधिकारियों के सत्ता के दुरुपयोग पर कड़ा रुख अपनाया है।
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