OPS: Employees’ Demand for Old Pension Restoration Ignored in Budget, Massive Protests Planned | बजट में पुरानी पेंशन ( OPS) बहाली की मांग नजरअंदाज, बड़े प्रदर्शनों की तैयारी
OPS: Employees’ Demand for Old Pension Restoration Ignored in Budget, Massive Protests Planned
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट में ‘पुरानी पेंशन बहाली’ और ‘आठवें वेतन आयोग’ के गठन की मांगों को अनदेखा कर दिया गया है। इससे सरकारी कर्मचारियों में भारी नाराजगी है और उन्होंने आरपार की लड़ाई का मन बना लिया है।
केंद्रीय कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों ने कई बार सरकार को मांग पत्र सौंपे थे, लेकिन बजट में इन मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब, अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) और अन्य संगठनों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। एआईडीईएफ के सदस्य 2 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देंगे, जबकि अन्य संगठन 13-14 अगस्त को राष्ट्रव्यापी आंदोलन का फैसला करेंगे।
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि वह सरकारी कर्मचारियों की चिंताओं से अवगत हैं और नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के समाधान की घोषणा जल्द करेंगे। परंतु कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) ही चाहिए और कुछ भी मंजूर नहीं है।
‘नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत’ ने सरकार को चेतावनी दी है कि एक महीने के भीतर अगर ओपीएस पर गजट नहीं आया तो संसद घेराव की तिथि का एलान कर दिया जाएगा। इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल ने कहा कि 85 लाख कर्मचारी तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक ओपीएस बहाल नहीं हो जाती।
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने भी बजट को कर्मचारी विरोधी बताया और कहा कि इससे निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि महासंघ 13-14 अगस्त को हैदराबाद में बैठक कर पुरानी पेंशन बहाली और अन्य मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेगा।
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सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग को नजरअंदाज करना सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि वे इसे लेकर आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।
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