
Massive Identity Theft Scam in India: Fake KYC Websites Exposed!
नई दिल्ली – भारत में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है, और अब फर्जी KYC दस्तावेजों (Fake KYC Documents) और नकली वेबसाइटों (Fake Websites) के जरिए लाखों लोगों की व्यक्तिगत जानकारी खतरे में पड़ गई है। हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि एक संगठित साइबर अपराधी गिरोह नकली आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य सरकारी दस्तावेज तैयार कर रहा है। इस नेटवर्क का मुख्य उद्देश्य पहचान चोरी (Identity Theft), वित्तीय धोखाधड़ी (Financial Fraud) और अवैध गतिविधियों को अंजाम देना है।
बेंगलुरु स्थित साइबर सुरक्षा कंपनी क्लाउडसेक (CloudSEK) की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि साइबर अपराधी फर्जी वेबसाइटों के माध्यम से लोगों की व्यक्तिगत जानकारी एकत्र कर रहे हैं। ये वेबसाइटें हूबहू सरकारी पोर्टल्स जैसी लगती हैं और लोगों को उनकी KYC प्रक्रिया पूरी करने के लिए प्रेरित करती हैं।
फर्जी पहचान पत्र बनाने का साइबर नेटवर्क:
🔹 फर्जी KYC पोर्टल्स: असली सरकारी पोर्टल जैसा दिखने वाला नकली प्लेटफॉर्म, जहां लोग अपनी निजी जानकारी दर्ज कर देते हैं।
🔹 डेटा चोरी और बिक्री: एकत्र की गई जानकारी को डार्क वेब (Dark Web) पर बेचा जाता है या अन्य साइबर अपराधों में इस्तेमाल किया जाता है।
🔹 बैंकिंग और टेलीकॉम फ्रॉड: फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल बैंक लोन, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी और अवैध सिम कार्ड एक्टिवेशन के लिए किया जाता है।
🔹 सोशल इंजीनियरिंग हमले: चोरी हुई जानकारी का इस्तेमाल करके साइबर अपराधी लोगों को फंसाते हैं और उनसे पैसे ऐंठते हैं।
कौन हैं इस साइबर फ्रॉड के निशाने पर?
साइबर अपराधी विशेष रूप से उन लोगों को निशाना बना रहे हैं जो ऑनलाइन वित्तीय सेवाओं का उपयोग करते हैं, जिनमें शामिल हैं:
✅ बैंक ग्राहक – जिनके डेटा का उपयोग फर्जी बैंक अकाउंट और लोन के लिए किया जाता है।
✅ फिनटेक कंपनियों के ग्राहक – जहां डिजिटल वॉलेट और अन्य सेवाओं में धोखाधड़ी की जा सकती है।
✅ मोबाइल उपयोगकर्ता – जिनकी पहचान का उपयोग अवैध सिम कार्ड जारी करने के लिए किया जाता है।
✅ ई-कॉमर्स यूजर्स – फर्जी आईडी के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग और रिफंड स्कैम किए जाते हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस के साइबर क्राइम विंग के प्रमुख त्रिवेणी सिंह ने बताया कि उनकी टीम ने कई फर्जी वेबसाइटों की पहचान की है और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। साइबर क्राइम विभाग ने आम जनता को साइबर फ्रॉड से बचने की सलाह दी है और कहा है कि अगर किसी संदिग्ध वेबसाइट से KYC से जुड़ी कोई मांग की जाती है, तो तुरंत रिपोर्ट करें।
कैसे करें शिकायत?
अगर आपको किसी संदिग्ध वेबसाइट पर अपनी जानकारी देने का संदेह हो, तो तुरंत इन नंबरों पर शिकायत करें:
📞 साइबर क्राइम हेल्पलाइन: 1930
🌐 ऑनलाइन शिकायत पोर्टल: cybercrime.gov.in
कैसे बचें इस ऑनलाइन धोखाधड़ी से?
✔️ फर्जी वेबसाइटों की पहचान करें – हमेशा वेबसाइट के URL को ध्यान से जांचें और असली सरकारी पोर्टल पर ही KYC अपडेट करें।
✔️ KYC प्रक्रिया में सतर्क रहें – बैंक या टेलीकॉम कंपनियों से आने वाले किसी भी KYC अपडेट मैसेज को क्रॉस-वेरिफाई करें।
✔️ Google Safe Browsing का उपयोग करें – किसी भी अनजान वेबसाइट को विजिट करने से पहले उसकी सुरक्षा जांचें।
✔️ साइबर जागरूकता बढ़ाएं – किसी भी अनजान व्यक्ति या वेबसाइट को अपनी व्यक्तिगत जानकारी देने से पहले पूरी जांच करें।
भारत में पहचान चोरी से जुड़े मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 2024 में, भारत में पैन कार्ड धोखाधड़ी दुनिया में सबसे ज्यादा रिपोर्ट की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 27.1% वैश्विक टैक्स आईडी फ्रॉड पैन कार्ड से जुड़े हैं।
सरकार इस समस्या से निपटने के लिए ‘पैन 2.0’ लॉन्च करने की योजना बना रही है, जिसमें डायनामिक QR कोड और डेटा वॉल्ट तकनीक शामिल होगी, ताकि पहचान की सुरक्षा बढ़ाई जा सके।
भारत में बढ़ते साइबर अपराधों के मद्देनजर सतर्क रहना ही एकमात्र बचाव है। अगर आप ऑनलाइन KYC प्रक्रिया से गुजर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप असली सरकारी पोर्टल का ही उपयोग कर रहे हैं। याद रखें, आपकी पहचान ही आपकी सबसे बड़ी संपत्ति है, इसे बचाने के लिए साइबर जागरूकता बेहद जरूरी है।
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