
एशियाई चैंपियनशिप 2025 में भारत की U17 महिला कुश्ती टीम की ऐतिहासिक विजय — सभी 10 भार वर्गों में जीते पदक, कुल विजेता ट्रॉफी पर भारत का कब्जा
वुंग ताऊ (वियतनाम), 26 जून 2025:
भारतीय महिला कुश्ती की नई पीढ़ी ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है। 18 से 26 जून 2025 तक वियतनाम के वुंग ताऊ में आयोजित अंडर-17 एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में भारत की अंडर-17 महिला कुश्ती टीम ने सभी 10 भार वर्गों में पदक जीतकर ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए कुल चैंपियनशिप ट्रॉफी अपने नाम की। भारत ने प्रतियोगिता में 5 स्वर्ण🥇, 3 रजत🥈 और 2 कांस्य🥉 पदक के साथ कुल 215 अंक अर्जित किए, जबकि चीन (151 अंक) और जापान (149 अंक) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।

यह शानदार जीत भारतीय कुश्ती के बढ़ते प्रभुत्व का प्रमाण है और देश की बेटियों की अदम्य इच्छाशक्ति, तकनीकी कौशल और अनुशासन का नतीजा है। इससे पहले भारत की अंडर-23 महिला टीम ने भी वियतनाम में ही आयोजित अंडर-23 सीनियर एशियन चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया था।
🥇 स्वर्ण पदक विजेताएं:
43 किग्रा – रचना: जापानी खिलाड़ी को 9-0 से हराकर स्वर्ण पदक। 46 किग्रा – ऋतुजा: जापानी खिलाड़ी को हराकर शुरुआत की और फाइनल में उज्बेक प्रतिद्वंदी को 10-0 से हराया। 57 किग्रा – मोनी: सेमीफाइनल में जापानी खिलाड़ी को 10-2 से हराया, फाइनल में कजाख खिलाड़ी को 1-1 (विनिंग क्राइटेरिया) पर हराकर स्वर्ण। 65 किग्रा – अश्विनी विश्नोई: फाइनल में चीनी खिलाड़ी को 2-0 से हराया। 69 किग्रा – मनीषा: चीनी खिलाड़ी को पटखनी देकर फाइनल में जीत दर्ज की।

🥈 रजत पदक विजेताएं:
40 किग्रा – चेस्टा 61 किग्रा – टीना पुनिया: क्वार्टर फाइनल में जापानी खिलाड़ी को 10-0 से हराया, फाइनल में कजाख खिलाड़ी से 3-3 पर हार (क्राइटेरिया से)। 73 किग्रा – काजल
🥉 कांस्य पदक विजेताएं:
49 किग्रा – अंजली 53 किग्रा – सारिका
इस उपलब्धि के पीछे प्रेरणादायक नेतृत्व देने वाले मुख्य कोच अनिल कुमार (सशस्त्र सीमा बल – SSB) की रणनीति, अनुशासन और अथक परिश्रम ने टीम को ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनके मार्गदर्शन में भारत की युवा महिला पहलवानों ने एशिया में श्रेष्ठता साबित कर दी।
इस गौरवशाली सफलता के पीछे हैं टीम के मुख्य कोच अनिल कुमार, जो सशस्त्र सीमा बल (SSB) से हैं। उनकी दूरदर्शी रणनीति, अनुशासित प्रशिक्षण और अथक समर्पण ने भारत की युवा महिला पहलवानों को एशिया की शीर्ष खिलाड़ी बनने की दिशा में मार्गदर्शन दिया।
मुख्य कोच अनिल कुमार ने न केवल तकनीकी दक्षता पर ध्यान केंद्रित किया, बल्कि टीम को मानसिक रूप से भी इतना मजबूत बनाया कि वे दबाव की किसी भी स्थिति में अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकें। उनके नेतृत्व में भारतीय दल ने टीम भावना, देशभक्ति और व्यक्तिगत प्रतिभा का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।

🇮🇳 ग्रेको-रोमन शैली में भी भारत का जलवा:
100 किग्रा – गोल्ड – हरदीप 48 किग्रा – सिल्वर – आदित्य दिलीप जाधव 60 किग्रा – ब्रॉन्ज – रितेश 80 किग्रा – ब्रॉन्ज – सचिन कुमार 92 किग्रा – ब्रॉन्ज – नितिन कुमार
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष श्री संजय कुमार सिंह ने सभी खिलाड़ियों, कोचों और सहयोगी स्टाफ को बधाई देते हुए कहा, “यह ऐतिहासिक सफलता युवा मामले मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के निरंतर सहयोग के बिना संभव नहीं होती। हमारे पहलवानों ने फिर सिद्ध कर दिया है कि वे दुनिया में सर्वोच्च स्थान के योग्य हैं।”
यह उपलब्धि न केवल खिलाड़ियों के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है। भारत की बेटियों ने फिर से दिखा दिया है कि जब संकल्प, प्रशिक्षण और राष्ट्रभक्ति एक साथ आते हैं, तो इतिहास रचा जा सकता है।
जय हिंद! 🇮🇳
🔹 रिपोर्ट: जवान टाइम्स
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