Govt Increases CCL to 6 Times a Year for Central Employees | अब एक साल में 6 बार मिलेगी CCL: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत

Govt Increases CCL to 6 Times a Year for Central Employees

Govt Increases CCL to 6 Times a Year for Central Employees

अब एक साल में 6 बार मिलेगी CCL: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत

28 जुलाई 2024 को भारत सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक अहम निर्णय लिया है, जो हर अभिभावक के लिए राहत भरी खबर है। अब से, सभी केंद्रीय कर्मचारियों को साल में अधिकतम 6 बार चाइल्ड केयर लीव (CCL) लेने की अनुमति मिल गई है। इससे पहले, यह सुविधा केवल 3 बार तक ही सीमित थी। यह कदम कर्मचारियों के काम और पारिवारिक जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगा।

क्या है CCL (चाइल्ड केयर लीव)?

चाइल्ड केयर लीव, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, एक ऐसी छुट्टी है जो कर्मचारियों को उनके बच्चों की देखभाल के लिए दी जाती है। यह सुविधा विशेष रूप से महिलाओं और सिंगल मेल पैरेंट्स के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपने बच्चों के स्वास्थ्य और देखभाल को प्राथमिकता देते हैं।

नई सुविधाएँ और बदलाव

इस नए नियम के अनुसार, अब केंद्रीय कर्मचारी साल में 6 बार तक CCL ले सकते हैं। यह सुविधा उन कर्मचारियों के लिए है जिनके बच्चे की उम्र 18 साल से कम है। यदि बच्चा गंभीर रूप से बीमार है और अस्पताल में भर्ती है, तो ऐसी स्थिति में CCL की अवधि को तीन बार और बढ़ाया जा सकता है।

सीसीएल के दिन और सैलरी की व्यवस्था

CCL कुल 730 दिनों की होती है, जिसे कर्मचारी अपने कार्यकाल में किसी भी समय ले सकते हैं। इन 730 दिनों में से, पहले 365 दिनों के लिए कर्मचारी को पूरी सैलरी दी जाती है, जबकि उसके बाद के दिनों में 80% सैलरी का प्रावधान है। यह व्यवस्था कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ अपने बच्चों की देखभाल के लिए आवश्यक समय भी देती है।

महिला और सिंगल मेल पैरेंट्स दोनों के लिए राहत

पहले CCL को महिलाओं के लिए एक खास सुविधा के रूप में देखा जाता था, लेकिन अब यह सुविधा सिंगल मेल पैरेंट्स के लिए भी लागू कर दी गई है। यह एक बड़ा कदम है, जो समाज में समानता और परिवार की देखभाल के महत्व को दर्शाता है।

CCL का महत्व

कर्मचारियों के जीवन में CCL का महत्व केवल एक छुट्टी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। कामकाजी माता-पिता के लिए बच्चों की देखभाल एक बड़ी जिम्मेदारी होती है, और CCL उन्हें यह अवसर प्रदान करती है कि वे बिना किसी चिंता के अपने बच्चों के साथ समय बिता सकें और उनकी जरूरतों को पूरा कर सकें।

भारत सरकार का यह कदम न केवल कर्मचारियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा, बल्कि यह संगठन के भीतर भी एक स्वस्थ और संतुलित कार्य संस्कृति को बढ़ावा देगा। उम्मीद है कि अन्य क्षेत्रों में भी इसी प्रकार की सुविधाएं लागू की जाएंगी, जिससे कि हर कर्मचारी अपने परिवार और काम के बीच संतुलन बनाए रख सके।

यह निर्णय न केवल कर्मचारियों के लिए राहत भरा है, बल्कि यह एक सशक्त और जागरूक समाज की दिशा में बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

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जवान टाइम्स

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