Enemy property freed from Jauhar University in Rampur: 13.985 hectares of land can be handed over to CRPF
रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी से मुक्त कराई गई शत्रु संपत्ति: सीआरपीएफ को सौंपी जा सकती है 13.985 हेक्टेयर भूमि
रामपुर। सपा महासचिव आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी के कब्जे से 13.985 हेक्टेयर शत्रु संपत्ति भूमि को हाल ही में प्रशासन ने मुक्त करा लिया है। इस भूमि के चारों ओर पिलर लगाकर इसे सुरक्षित कर दिया गया है। संभावना है कि यह भूमि सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) को सौंपी जा सकती है। रामपुर में पहले से ही सीआरपीएफ का एक ग्रुप सेंटर है और इस भूमि का उपयोग सीआरपीएफ के विस्तार के लिए किया जा सकता है। हालांकि, इस संदर्भ में अंतिम निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय को लेना है।
जौहर यूनिवर्सिटी में इस शत्रु संपत्ति पर दो भवन भी बनाए गए थे। प्रशासन ने इन्हें भी कब्जा मुक्त करा दिया है। इनमें से एक भवन का उपयोग जिम के रूप में किया गया था, जबकि दूसरे भवन में यूनिवर्सिटी के मुख्य सुरक्षा अधिकारी का आवास था। इस आवास में पहले आजम खां के करीबी सेवानिवृत्त सीओ सिटी आले हसन खां रहते थे, जो सेवानिवृत्ति के बाद मुख्य सुरक्षा अधिकारी बन गए थे। आजम खां के साथ, उनके खिलाफ भी 56 मुकदमे दर्ज हुए थे और वह वर्तमान में जेल में हैं।
डीएम जोगिंदर सिंह ने बताया कि शत्रु संपत्ति विभाग के अधिकारियों ने जिला प्रशासन को जमीन के चारों ओर पिलर लगाने के आदेश दिए थे और इस काम को पूरी तत्परता के साथ पूरा कर लिया गया है। भारतीय शत्रु संपत्ति केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है, इसलिए अब गृह मंत्रालय ही इसपर अंतिम फैसला लेगा।
सीआरपीएफ के लिए यह भूमि क्यों महत्वपूर्ण है?
सीआरपीएफ के लिए यह भूमि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो सकती है। रामपुर में सीआरपीएफ का ग्रुप सेंटर पहले से ही है, और इस नई भूमि के मिलने से उनके बुनियादी ढांचे का विस्तार किया जा सकता है। इस भूमि पर अतिरिक्त प्रशिक्षण सुविधाएं, आवासीय परिसर और अन्य सुरक्षा संबंधित संरचनाएं बनाई जा सकती हैं।
आजम खां और जौहर यूनिवर्सिटी का विवाद
आजम खां और उनकी जौहर यूनिवर्सिटी पिछले कुछ वर्षों से विवादों में रहे हैं। जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर कई विवाद और मुकदमे दर्ज हैं। प्रशासन ने अब जाकर शत्रु संपत्ति को मुक्त कराकर इसे सरकारी नियंत्रण में लिया है। यह कार्रवाई न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे राजनीति के नजरिए से भी देखा जा रहा है।
गृह मंत्रालय का अंतिम निर्णय
इस भूमि के भविष्य के उपयोग को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय का निर्णय महत्वपूर्ण होगा। यदि यह भूमि सीआरपीएफ को सौंपी जाती है, तो इससे सुरक्षा बलों को और मजबूत किया जा सकेगा। वहीं, जौहर यूनिवर्सिटी और आजम खां के खिलाफ प्रशासन की यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है।
इस प्रकार, रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी से मुक्त कराई गई शत्रु संपत्ति का भविष्य अब केंद्रीय गृह मंत्रालय के हाथों में है और सभी की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं कि आखिरकार यह महत्वपूर्ण निर्णय कब और कैसे लिया जाएगा।
दोस्तो, अगर आप CAPF से संबंधित सभी ख़बरें पढ़ना चाहते हैं, तो Jawan Times का WHATSAPP CHANNEL जरूर फॉलो करें।