Chhattisgarh:CM Vishnu Deo Sai Spends Night at CRPF Camp, Serves Food to Jawans
छत्तीसगढ़: सीएम विष्णुदेव साय ने CRPF कैंप में बिताई रात, जवानों को परोसा खाना, बने जवानों के दिल जीतने वाले पहले मुख्यमंत्री
जवान टाइम्स, रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में एक अनूठी पहल करते हुए सोमवार की रात सुकमा जिले के सेड़वा स्थित सीआरपीएफ 241 बस्तियां बटालियन कैंप में बिताई। यह पहली बार हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री ने सुरक्षा बलों के साथ इस तरह समय बिताया हो। इस दौरान उन्होंने न केवल जवानों से मुलाकात की, बल्कि उनके साथ भोजन किया, उन्हें खाना परोसा और उनकी परेशानियों को समझने का प्रयास किया।
जवानों का हौसला बढ़ाया और सम्मान किया
सीएम साय ने सुरक्षा बल के जवानों को उनके अदम्य साहस और बलिदान के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, “आप सभी का त्याग और समर्पण छत्तीसगढ़ और पूरे देश के लिए प्रेरणा है। आप अपनी जान की परवाह किए बिना बस्तर में शांति और विकास लाने के लिए नक्सलवाद के खिलाफ लड़ रहे हैं। मैं और मेरी सरकार आपकी सभी समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।“
कैंप में विशेष अनुभव: वर्दी पहनकर जवानों के बीच
कैंप में पहुंचते ही मुख्यमंत्री ने सीआरपीएफ की वर्दी पहनकर जवानों से मुलाकात की। उन्होंने अधिकारियों और जवानों से उनकी दिनचर्या, अभियानों और चुनौतियों के बारे में विस्तार से बातचीत की। इस दौरान जवानों ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी यह यात्रा केवल एक औपचारिक दौरा नहीं है, बल्कि उनके लिए यह सीखने और जवानों के योगदान को नजदीक से समझने का अवसर है। उन्होंने कहा, “आपके साथ यह समय बिताना मेरे लिए गर्व की बात है। आपका जोश और समर्पण हमें और बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है।“
जवानों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुए
रात के कार्यक्रम में जवानों द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम ने माहौल को खास बना दिया। महिला और पुरुष कमांडोज़ की लोक नृत्य और गीतों की प्रस्तुति ने मुख्यमंत्री को बेहद प्रभावित किया। मुख्यमंत्री ने सभी कलाकारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये प्रदर्शन उनकी छिपी हुई प्रतिभाओं को दर्शाते हैं।
भोजन परोसा और जवानों के साथ भोजन किया
मुख्यमंत्री ने जवानों को अपने हाथों से भोजन परोसा और उनके साथ बैठकर भोजन किया। यह कदम उनके नेतृत्व की सादगी और जुड़ाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए एक भावनात्मक क्षण था क्योंकि जवानों के साथ समय बिताना उन्हें नई ऊर्जा देता है।
सीआरपीएफ कैंप में रात्रि विश्राम
जवानों और अधिकारियों के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने कैंप में ही रात बिताई। उन्होंने सैनिकों के साथ उनके आवास और सुविधाओं का जायजा लिया। कैंप में रात्रि विश्राम करते हुए उन्होंने जवानों की कठिन दिनचर्या और चुनौतियों को करीब से समझा।
नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की रणनीति
मुख्यमंत्री ने नक्सल उन्मूलन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि 2026 तक बस्तर से नक्सलवाद का पूरी तरह से खात्मा करना प्राथमिक लक्ष्य है। उन्होंने पिछले 11 महीनों में राज्य की बड़ी उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा, “200 से अधिक नक्सलियों को मारा गया है और 740 से अधिक ने आत्मसमर्पण किया है। सरकार की पुनर्वास नीति से और भी लोग हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में जुड़ेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की लगातार सलाह और समर्थन से यह मिशन और अधिक प्रभावी हुआ है। प्रधानमंत्री अक्सर बस्तर में सुरक्षा बलों के प्रयासों की तारीफ करते हैं।
सीएम साय ने जवानों को आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगों और जरूरतों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। उन्होंने कैंप में चिकित्सा सुविधाओं, आवास और अन्य बुनियादी जरूरतों को बेहतर बनाने के निर्देश भी दिए।
बस्तर के आदिवासी समुदायों का विशेष उल्लेख
मुख्यमंत्री ने बस्तर के आदिवासी समुदायों की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि जवानों के प्रयासों ने उन्हें न केवल सुरक्षा दी है, बल्कि उनके दिलों में एक स्थायी स्थान भी बना लिया है। उन्होंने कहा, “आपके बलिदान और साहस से आदिवासी समुदायों को यह विश्वास हुआ है कि सरकार उनके साथ है और उनके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है।“
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की यह पहल उनके नेतृत्व और संवेदनशीलता का प्रतीक है। जवानों के साथ समय बिताकर उन्होंने न केवल उनका मनोबल बढ़ाया, बल्कि प्रशासन और सुरक्षा बलों के बीच एक नई भागीदारी का संदेश भी दिया।
बस्तर में इस तरह का दौरा न केवल नक्सलवाद के खिलाफ राज्य सरकार की दृढ़ता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि मुख्यमंत्री साय अपने नेतृत्व को जनसेवा के मूल्यों के साथ जोड़ते हैं। उनका यह कदम आने वाले समय में बस्तर में शांति और विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
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